पटना। व्हीएसआरएस न्यूज: इसी सप्ताह डीजीपी के पद से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की राजनीति में एंट्री करने की अटकलें तेज हो गई हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुप्तेश्वर ने शनिवार की दोपहर मुलाकात की। 12.30 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जेडीयू कार्यालय में वे नीतीश से मिलने पहुंचे। श्री पांडेय ने शीघ्र ही जदयू के साथ अपनी सियासी पारी आरंभ करने के संकेत दिए। संभावना जताई जा रही है कि गुप्तेश्वर विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वे बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़क सकते हैं। इस बीच चर्चा वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ने की भी चल रही है। बताते चलें कि मंगलवार को ही उन्होंने बिहार के डीजीपी पद से वीआरएस (स्वैछिक सेवानिवृत्ति) लिया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह जदयू में शामिल हो रहे हैं, गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अभी वह किसी भी दल में शामिल नहीं हो रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देने आया था। डीजीपी के पद पर रहते हुए उन्होंने मुझे खुलकर काम करने का मौका दिया, जिसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने आगे बताया कि बिहार की लगभग एक दर्जन विधानसभा के लोग उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। गुप्तेश्वर पांडेय ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा था कि बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने आ रहे हैं। वे अपने इलाके से चुनाव लड़ने का आग्रह कर रहे हैं। अगर वे मुझे राजनीति में देखना चाहते हैं तो मैं ऐसा कर सकता हूं। यह पूरी तरह जनता का फैसला होगा। गुप्तेश्वर पहले ही कह चुके हैं कि जनता चाहेगी तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में उनका कोई गॉड-फादर नहीं है। डीजीपी पद पर रहते हुए भी उनके राजनीति में आने की चर्चा चल रही थी। विदित हो कि बीते मंगलवार को गुप्तेश्वर पांडेय ने पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानवृत्ति ले ली थी। इसके बाद से उनके विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जाने लगे थे।
आपको बताते चलें कि डीजीपी रहते हुए गुप्तेश्वर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी अधिकारी माना जाता था। बता दें कि डीजीपी ने मंगलवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। वे 1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे। गुप्तेश्वर पांडेय डीजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर अगर चुनाव लड़ते हैं तो वे बिहार के पहले अधिकारी होंगे।