पटना। व्हीएसआरएस संवाददाता: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे आ चुके हैं। चुनाव के दौरान कई रोचक वाकये सामने आये। कई चीजों ने लोगों को हैरान कर दिया तो कुछ घटनाओं पर आम वोटर मुस्कुराये भी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया के धमदाहा में अपनी आखिरी चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है। अंत भला तो सब भला। सीएम के इस बयान के बाद एनडीए के घटक दल जदयू और भाजपा ही नहीं, विपक्षी दल की हैरान रह गये थे। सभी ने इसे अपने-अपने तरीके से व्याख्यायित किया था। कहा जा रहा था कि उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने का मन बना लिया है। अब नीतीश ने खुद अपने बयान का आशय साफ कर दिया है। उनका कहना है कि उनके कहने का मतलब वह नहीं था, जो कुछ लोगों ने निकाल लिया।
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच नवंबर को धमदाहा की चुनावी सभा में उन्होंने अपने संन्यास को लेकर कोई बात नहीं कही थी। उन्होंने बताया कि हर बार चुनाव की आखिरी सभा में वह यह बात कहते रहे है। उनके कहने का आशय यह था कि यह उनकी आखिरी चुनावी सभा है। संदर्भ चुनावी सभा का था।
आपको बताते चले कि मुख्यमंत्री की धमदाहा की चुनावी सभा के बाद राजग के कई नेताओं ने उन्हें सन्यास लेने से मना किया था। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तो यहां तक कहा था कि वे इस बारे में नीतीश कुमार से बात करेंगे। मांझी ने कहा था कि उन्हें चुनाव मैदान में उतारकर नीतीश खुद सन्यास लेने की बात नहीं कह सकते। जदयू के कई नेताओं ने कहा था कि नीतीश आगे भी बिहार की जनता के लिए उपलब्ध रहेंगे। बिहार को उनकी जरूरत है।