पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: अपराध व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन माेड में दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को सुबह 11 बजे राजधानी के सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचे। पिछले 14 दिनों में यह दूसरी बार है, जब वे पुलिस मुख्यालय पहुंचे हैं। यहां वे पुलिस महानिदेशक समेत पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक कर रहे हैं। इसके पहले वह 23 दिसंबर को भी पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे।
नई सरकार के गठन बाद पांचवी बैठक
हालांकि नवंबर में एनडीए की नई सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर हैं। वे लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। नई सरकार के गठन से लेकर अभी तक वे पांच बार ऐसी समीक्षा बैठकें कर चुके हैं। हर बार पुलिस अफसरों को अपराधियों से सख्ती से निबटने का टास्क दिया जाता है।
पिछली बार ही कहा था, आता रहूंगा
गत 23 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय में बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि पहले भी यहां कुछ कार्यक्रम के सिलसिले में आ चुके हैं। यहां आकर अफसरों के साथ बैठक में कई विषयों पर चर्चा की है। यहां हर रोज आना संभव नहीं है, लेकिन कोशिश करेंगे कि आते रहें।
अपराध नियंत्रण और दिया था टास्क
वहीं मुख्यमंत्री ने पिछली बैठक में पुलिस के वरीय अधिकारियों को अपराध नियंत्रण और पुलिस आधुनिकीकरण के टास्क दिए थे। कहा था कि कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण पर पूरी मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा है। एक-एक चीज को देखा जा रहा है। भरोसा है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी के अंदर ही हर तरह के पुलिस प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। विशेष प्रशिक्षण के लिए जगह चिह्नित की जाए। राज्य सरकार सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराएगी।
इन दिनो हुए कई बड़े अपराध, सरकार की हुई किरकिरी
आपको बताते चले कि बीते कुछ दिनों के दौरान बिहार में कई बड़े अपराध हुए हैं। कुछ दिनों पहले दरभंगा में करोड़ों के स्वर्णाभूषण की लूट मामले में सरकार व पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी। बीते दिन भी गोपालगंज में एक होमगार्ड जवान की हत्या के बाद आज भी एक व्यवसायी की हत्या कर दी गई। बिहार में अपराध को लेकर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी आवाज उठने लगी थी। मुख्यमंत्री के गृह मंत्रालय छोड़ किसी को स्वतंत्र प्रभार देने की मांग भी की जा रही थी। ऐसे में मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया है।