मुजफ्फरपुर| व्हीएसआरएस न्यूज: साहेबगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में सामूहिक दुराचार के बाद किशोरी की हत्या कर उसी घर में आग लगाकर शव जलाने के मामले में पुलिस ने दो महिला समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं जांच को एसएसपी जयंतकांत वहां पहुंचे। उन्होंने पीडि़त परिवार के सभी सदस्यों से घटना के संबंध में जानकारी ली। थानाध्यक्ष को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए एसएसपी ने कहा कि दोषियों को स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने दहशत में जी रहे परिवार की सुरक्षा को चार पुलिसकर्मियों की तैनाती का आदेश दिया। वहीं, मृतका के शव का अवशेष बरामद करने का भरोसा दिया।
इसके पूर्व पुलिस ने छापेमारी कर मनोज सिंह, हृदय सिंह, संजय सिंह की पत्नी , आलोक सिंह की पत्नी व एक अन्य को हिरासत में ले लिया। पुलिस इन लोगों से विभिन्न बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है तथा लोग कुछ भी बताने को तैयार नही हैं। इस मामले के नामजद आरोपित गांव छोड़कर फरार हैं, जबकि पीडि़त परिवार के लोग दहशत में हैं। इस बीच बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने दैनिक जागरण की खबर को लेकर ट्वीट किया तथा पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए। तब बुधवार को पुलिस हरकत में आई। घटना की जांच करने एसडीपीओ सरैया राजेश शर्मा वहां पहुंचे तथा पूरे मामले की दो घंटे तक जांच की।
इस बारे मे मृतका की बहन ने बताया कि अश्लील फोटो व वीडियो बनाने वाले लोगों ने बहन की फोटो वायरल करने का खौफ दिखाकर उससे भी शारीरिक संबंध बनाना चाहा। चेतावनी दी कि अगर बात कहीं लीक हुई तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। जब उसने विरोध जताया तो बहन की अश्लील फोटो वायरल कर दी। गांव में पंचायती होती रही और कुछ लोग मामले को पैसे का लोभ देकर दबाना चाहते थे, लेकिन पिता जब घटना की सूचना पर पंजाब से आए तो थाने पहुंचे जहां प्राथमिकी दर्ज नहीं थी। दुराचार की पहली घटना पांच दिसंबर को घटी। फिर तीन जनवरी को पीडि़ता के घर में घुस कर सामूहिक दुराचार हुआ तथा उसकी हत्या कर उसी के घर में अपराधियों ने आग लगा दी।
वही जब आग की लपटें व धुआं उठता देख उसकी बहन ने धक्का मारकर दरवाजा खोला तो आरोपित गुलशन कुमार ,चंचल कुमार, अभिनय कुमार तथा राजा कुमार मृतका के अधजले शव को लेकर चले गए तथा ठिकाना लगा दिया। जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो छह दिन बाद दुराचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई। हालांकि अबतक दुराचारी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।