मुंबई । व्हीएसआरएस न्यूज़ : देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार फिर डरावनी हो रही है। दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार राजधानी और मुंबई के बीच उड़ान और ट्रेन सेवाओं को रोकने पर विचार कर रही है। हालांकि, अभी इसके लिए सरकार की ओर से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हाल ही में मुख्य सचिव द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में दिल्ली में कोविड-19 मामलों की संख्या में उछाल पर चर्चा की गई। महाराष्ट्र सरकार यह सुनिश्चित करने के उपायों पर भी विचार कर रही है कि उच्च संक्रमण दर वाले शहरों से आने वाले लोगों से राज्य के लोगों को कोरोना फैलने का खतरा न हो।
संजय कुमार ने कहा है कि हम लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। दिल्ली में कोविड -19 मामलों में उच्च वृद्धि के मद्देनजर, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता है कि महाराष्ट्र प्रभावित न हो। वर्तमान में दिल्ली और मुंबई के बीच बहुत सीमित ट्रेन और उड़ान सेवाएं हैं। सेवाओं की संख्या को कम करने या उन्हें पूरी तरह से रोकने का निर्णय उचित समय में लिया जाएगा।
दिल्ली और मुंबई के बीच चल रही हैं 6 ट्रेन
अभी मुंबई और दिल्ली के बीच सेंट्रल रेलवे की एक और वेस्टर्न रेलवे की पांच ट्रेनें चल रही हैं। सेंट्रल रेलवे के पीआरपी एसके जैन ने भी दिन में कहा था कि उनके पास ट्रेनें रोकने के बारे में कोई जानकारी नहीं आई है।
संजय ने कहा कि सरकार को दिल्ली और नागपुर के बीच उड़ान और ट्रेन सेवाओं पर भी निर्णय लेना होगा। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक के बाद अंतिम निर्णय की उम्मीद है। मई के अंतिम सप्ताह में घरेलू उड़ानों को फिर से शुरू किया गया था, मुंबई हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना प्रोटोकॉल में धीरे-धीरे ढील भी दिया गया है।
महाराष्ट्र में कोरोना से 46 हजार मौतें
महाराष्ट्र में गुरुवार को 5535 कोरोना संक्रमित मिले। 5860 लोग रिकवर हुए और 154 की मौत हो गई। अब तक 17 लाख 63 हजार लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 79 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 16 लाख 35 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 46 हजार के पार पहुंच गई है।
उधर, दिल्ली में गुरुवार तक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5 लाख 10 हजार हो गई। इनमें 43 हजार मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 4 लाख 59 हजार लोग ठीक हो चुके हैं।