मुंबई । व्हीएसआरएस न्यूज : महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन के पहले ही दिन विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। विपक्ष ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि उनके पास किसानों को देने के लिए पैसे नहीं है लेकिन दूसरी तरफ मुख्यमंत्री समेत तमाम मंत्रियों ने कोरोना महासंकट के इस दौर में पैसों का बेजा इस्तेमाल करते हुए अपने घरों और कार्यालयों का नूतनीकरण करवाया है।
कॉन्ट्रेक्टरों को फायदा पहुंचाने का आरोप
महाराष्ट्र में विपक्षी दलों की तरफ से महाविकास अघाड़ी सरकार पर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने आरोप लगाया जा रहा है। बीजेपी नेता और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने आरोप लगाया है कि रिनोवेशन के नाम पर सरकार के मंत्री अपने करीबी कांट्रेक्टर को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं। दरेकर ने कहा कि राज्य में किसानों की आत्महत्या रुकने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है। बावजूद इसके सरकार पैसों का दुरुपयोग करने पर तुली हुई है।
सरकार ने सभी आरोपों को खारिज किया
महाराष्ट्र सरकार मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने विपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है उन्होंने कहा कि यह एक रूटीन प्रोसेस है। नूतनीकरण का काम किया जाता है। हालांकि सरकार मराठा आरक्षण और किसानों के मुद्दे पर घिरती नजर आ रही है। ऐसे में बंगलों पर करोड़ों का खर्च सरकार की मुश्किलों को और भी बढ़ा सकती है।
किस मंत्री के बंगले पर कितना खर्च
- सीएम उद्धव ठाकरे, वर्षा बंगला – 3 करोड़ , 26 लाख खर्च किया गया
- उपमुख्यमंत्री अजित पवार, देवगिरी बंगला – 1 करोड़ 78 लाख
- राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात , रॉयल स्टोन बंगला – 2 करोड़ 256 लाख
- पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण , मेघदूत बंगलो – 1 करोड़ 46 लाख
- सामाजिक न्याय मंत्री धनजंय मुंडे , चित्रकूट बंगला – 3 करोड़ 89 लाख
- उद्योग मंत्री सुभाष देसाई , शिवनेरी बंगला – 1 करोड़ 44 लाख
- खाद्य आपूर्ती मंत्री छगन भुजबल , रामटेक बंगला – 1 करोड़ 66 लाख
- हेल्थ एडुकेशन मंत्री अमित देशमुख , बी-3 बंगला – 1 करोड़ 40 लाख
- पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ,सातपुड़ा बंगला – 1 करोड़ 33 लाख
- ऊर्जा मंत्री नितिन राउत , पर्णकुटी बंगाल – 1 करोड़ 22 लाख