बिक्रमगंज| व्हीएसआरएस न्यूज: गांव की बेटी साक्षी का नामांकन जब इंजीनियरिंग कॉलेज गया में हुआ तो लोगों को यह महसूस नहीं हो रहा था कि यह बेटी ग्रामीणों का सिर गर्व से ऊंचा कर देगी। नोनहर निवासी चंद्रमोहन चौधरी और सुभान्ति देवी की पुत्री साक्षी कुमारी की परिवरिश गांव और स्थानीय बाजार तक सिमटी रही। उसने मैट्रिक बिक्रमगंज इंटर कॉलेज और इंटरमीडिएट ए एस कॉलेज से किया। इसी बीच वह बिहार इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में उतीर्ण हुई और उसका नामांकन गया इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस में हुआ।
फिलहाल साक्षी अभी 7वीं सेमेस्टर में है और इसी बीच उसका सेलेक्शन बहुराष्ट्रीय कंपनी टीसीएस में असिस्टेंट सिस्टम इंजीनियर के पद पर हो गया। वह भी तब जब कोरोना काल मे बहुतों को नॉकरी गंवानी पड़ी है। बेटी की चयन से पिता चंद्रमोहन चौधरी और उनकी पत्नी बहुत खुश हैं। इन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा है। साक्षी के चयन से गांव की बेटियां भी उत्साहित हैं। अब वे भी अपने सपनों की उड़ान भरनी चाहती हैं।
उसके पिता बताते हैं कि साक्षी को पढ़ाने में सिर्फ 14 हजार नामांकन शुल्क और सभी 8 सेमेस्टर की परीक्षा शुल्क प्रत्येक सेमेस्टर एक हजार रुपये यानी कुल खर्च सिर्फ 22 हजार मात्र शुल्क के रूप में भुगतान किया। इसके अलावा रहने खाने का मात्र 4100 रुपया प्रतिमाह देना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में माध्यमिक , जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने से बिहार वासियों को काफी लाभ हो रहा है और अब कम खर्चे में भी बेटा बेटी का इंजीनियर बनने का सपना साकार होगा।