दरभंगा| व्हीएसआरएस न्यूज: पंतजलि योगपीठ के जिला मीडिया प्रभारी दीपक कुमार चौरसिया हत्याकांड में पतोर पंचायत के मुखिया अवनीश कुमार को हिरासत में लेने की सूचना पर शनिवार को ग्रामीण उग्र हो गए। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने पतोर ओपी का घेराव किया। पुलिस के खिलाफ जकमर नारेबाज की। हालांकि, आक्रोशितों को पुलिस ने समझाने की कोशिश की। लेकिन, कोई बात मानने को तैयार नहीं हुआ। सभी मुखिया को रिहा करने और एसएसपी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। सूचना पर एपीएम थाने की पुलिस और जिला से दंगा नियंत्रण दस्ता पहुंची। बावजूद, लोगों का आक्रोश कायम है।
मिली जानकारी अनुसार दीपक हत्या मामले में पुलिस ने मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र के भीखनपुरा मोहल्ला में गुरुवार को छापेमारी की। जहां अरुण सिंह के घर से आरोपित व सीतामढ़ी जिले के बेलसंड मधकौल निवासी व वर्तमान फेकला ओपी के अंदामा निवासी चिंटू सिंह को दबोच लिया गया। हालांकि, अन्य आरोपितों ने पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए। इस दौरान गृहस्वामी को हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ में चिंटू ने स्वीकार किया कि बाइक से धक्का लगने के कारण दीपक से झंझट हुआ। इस क्रम में वह अपने साथी अंदामा के राजनाथ सिंह, संजय सिंह, नवीन सिंह, मुजफ्फरपुर जिले के सदर थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुर खगड़ा निवासी विकास कुमार पांडेय और उसका चालक मनोज कुमार के सहयोग से पीट-पीटकर दीपक की हत्या कर दी। इसके बाद शव को ठिकाना लगा दिया । इसके बाद पतोर मुखिया के घर जाकर छुप गए। सुबह में मुखिया ने सभी को नेपाल भागने में मदद की। इसके बाद पुलिस ने मुखिया अवनीश कुमार को हिरासत में ले लिया। यह खबर मिलते ही ग्रामीण उग्र हो गए। लोगों का कहना है कि इस घटना से मुखिया का कोई संबंध नहीं है। उसे जानबुझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है।
यह है मामला
बताते चले कि 7 जनवरी को दीपक चौरसिया बहादुरपुर थाना क्षेत्र के तारालाही गांव से भोज खाकर देर शाम अपने कोकट गांव लौट रहे थे। इस दौरान गांव के लोगों ने उसे अंदामा में देखा था। इसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं चला। दीपक के गायब होने के मामले को लेकर अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। अनुसंधान के बीच ही छठें दिन 12 जनवरी को दीपक का शव हथौड़ी कोठी स्थित करेह नदी में मिला। इसके बाद स्वजनों ने एसएसपी से मिलकर अंदामा के कई लोगों पर संदेह जाहिर किया। इसमें कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
जिससे यह जानकारी मिली की दीपक की अंदामा में हत्या करने के बाद पानी से खून को साफ कर दिया गया। पास के चापाकल से कई बाल्टी पानी लाया गया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की लेकिन, कोई सफलता नहीं मिली। इस मामले को एसएसपी बाबू राम ने गंभीरता से लिया और तीन फरवरी को अंदामा गांव पहुंचकर आरोपित चिंटू सिंह, संजय सिंह और राजनाथ सिंह के घर और अगले दिन चौथे आरोपित मुजफ्फरपुर के विकास के घर के घर को भी कुर्क किया गया।