पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार में जल्दी ही पंचायत चुनाव होने की संभावना है, लेकिन इसके पहले 1475 मुखियों पर एफआइआर दर्ज हो सकती है। अगर उन्हें पद से हटाया गया तो उनके चुनाव लड़ने पर भी ग्रहण लग जाएगा। मामला राज्य के 1475 वार्डों में नल जल योजना में गड़बड़ियाें का है। पंचायती राज विभाग ने वहां के मुखिया और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दे दिया है। अगर पद से हटाए गए ऐसे मुखिया या उपमुखिया आगामी पंचायत चुनाव में प्रत्याशी नहीं बन सकते हैं।
बिहार के 1475 वार्डों में नल जल योजना में गड़बड़ियां उजागर
बिहार के 1475 वार्डों में नल जल योजना में गड़बड़ियां उजागर हुईं हैं। पंचायती राज विभाग ने इन मामलों में संबंधित मुखिया व अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार किसी भी पंचायत में शिकायत मिलने पर जिला के डीएम व डीपीआरओ और प्रखंड के बीडीओ संबंधित मुखिया और वार्ड सदस्य को नोटिस भेजकर उनका पक्ष जानेंगे। अगर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं होती है तो पंचायती राज विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा।
सभी मुखियाें को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने का निर्देश
बिहार सरकार नल जल योजना में घोटाले को लेकर कड़ी कार्रवाई के मूड में है। पंचायती राज विभाग ने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। पंचायती राज विभाग ने पहले ही सभी मुखियाें को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने का निर्देश दिया है। अगर मुखिया यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट समय पर जमा नहीं करते हैं तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।
पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे पद से हटाए गए मुखिया
आपको बताते चले कि अपनी शक्तियों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने पर मुखिया व अन्य संबंधित पंचायत राज जनप्रतिनिधियों को पद से हटाया जा सकता है। ऐसे हटाए गए मुखिया एवं उपमुखिया पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पद से हटाए गए मुखिया या उपमुखिया आगामी पंचायत चुनाव में प्रत्याशी नहीं हो सकते हैं। अगर वे चुनाव में नामांकन करते हैं तो उनके नामांकन पत्र को खारिज कर दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बाबत गाइडलाइन जारी कर दिया है। हां एक रास्ता है, जो अदालत से होकर जाता है। अगर मुखिया या उपमुखिया को पद से हटाए जाने के आदेश को सक्षम न्यायालय स्थगित या रद कर दे तो वे चुनाव लड़ सकते हैं।