पटना। व्हीएसआरएस न्यूज: गुप्तेश्वर पाण्डेय की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के बाद डीजीपी के पद पर नियुक्ति के लिए डीजी रैंक के अफसरों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजा जाएगा। फिलहाल राज्य सरकार ने 1988 के आईपीएस अफसर एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार सौंपा है। गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही डीजीपी रैंक के अफसरों के नाम का पैनल यूपीएससी को भेजा जाएगा।
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक बिहार पुलिस में एडीजी मुख्यालय का पद अहम है क्योंकि डीजीपी के बाद इसे दूसरे नंबर का पद माना जाता है। सिंघल 1996 में तब सुर्खियों में आए थे जब उन पर सीवान में डॉन-राजनेता शहाबुद्दीन ने हमला किया था. उस दौरान वह वहां पुलिस अधीक्षक (एसपी) के तौर पर तैनात थे. 2007 में एक विशेष अदालत ने शहाबुद्दीन को एसके सिंघल पर हमले के मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। एडीजी (मुख्यालय) के रूप में सिंघल की नियुक्ति अहम इसलिए मानी जा रही है क्योंकि शहाबुद्दीन को हाल ही में राज्य सरकार की पहल पर सीवान से दिल्ली की तिहाड़ जेल में ट्रांसफर किया गया था।
एसपी के तौर पर 1996 में एसके सिंघल ने शहाबुद्दीन के खिलाफ सीवान के दरौली पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी सक्रियता और कार्रवाई के चलते आखिरकार शहाबुद्दीन को कोर्ट ने दोषी ठहराया। पुलिस मुख्यालय में सूत्रों का कहना है कि एसके सिंघल की एडीजी के तौर पर नियुक्ति करके राज्य सरकार जिलों में पुलिस अधीक्षक के तौर पर तैनात अधिकारियों को एक कड़ा संदेश देने की कोशिश की है।