गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के जादोपुर थाना क्षेत्र के रामरतन शाही हाई स्कूल के पास शनिवार की देर शाम दो सगे भाइयों को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। जिसमें एक की मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक जादोपुर थाना क्षेत्र के अवध नगर विशुनपुर गांव के स्वर्गीय मैनेजर गोंड का पुत्र टुनटुन गोंड था। वहीं उसका भाई राजू गोंड बताया गया है।
घटना की सूचना मिलने के बाद जादोपुर थाना की पुलिस मामले की छानबीन करने में जुट गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल में भेज दिया। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि जादोपुर थाना क्षेत्र के अवध नगर विशुनपुर गांव का राजू गोंड व उसका छोटा भाई टुनटुन गोंड जादोपुर बाजार से शनिवार की देर शाम सब्जी की खरीदारी कर अपने घर अवध नगर विशुनपुर लौट रहे थे। इस बीच वे जैसे ही जादोपुर थाना क्षेत्र के ही राम रतन शाही उच्च विद्यालय के पास पहुंचे की पूर्व से घात लगा कर बैठे जादोपुर थाना क्षेत्र के ही बलुआ टोला गांव के निवासी सद्दाम मियां, अख्तर अली संतोष यादव और श्रीकांत यादव उन्हें पकड़ लिए और बेल्ट, लात-घुसे से पिटाई करने लगे।
वहीं मारपीट के दौरान राजू उनके चंगुल से किसी तरह फरार हो गया और घर पहुंच कर घटना की जानकारी दी। उधर चारों लोग उसके छोटे भाई टुनटुन के साथ मारपीट कर रहे थे। राजू अपने परिजनों के साथ जब घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा कि उसका भाई गंभीर अवस्था में बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ है। इसके बाद परिजनों की मदद से उसे इलाज के लिए जादोपुर बाजार में स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए बेहतर उपचार के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां ले जाने के क्रम में रास्ते में उनकी मौत हो गई। मौत के बाद उसके शव को लेकर परिजन अपने घर चले गए। रविवार की सुबह घटना की जानकारी पुलिस को परिजनों ने दी। इसके बाद पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। राजू के बयान पर थाने में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अख्तर अली व संतोष यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
उधर शव जब चिराई घर के समीप पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा तो कुछ अस्पताल कर्मियों ने रुपए की मांग की। इसके विरोध में परिजनों ने सड़क पर शव रखकर जाम कर दिया। बाद सदर एसडीपीओ नरेश पासवान ने उन्हें समझाकर शांत कराया।