पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: पटना एयरपोर्ट पर तैनात इंडिगो एयरलाइंस के अधिकारी रूपेश कुमार सिंह की हत्या के मामले का पर्दाफाश हो गया है। पटना पुलिस के मुताबिक, रूपेश की हत्या रोडरेज को लेकर हुई थी। रूपेश की हत्या 12 जनवरी की शाम 6.58 बजे हुई थी। पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि रूपेश को छह गोलियां लगी थीं। सभी गोलियां रुपेश को दाहिनी तरफ ही लगी थीं। आदर्श नगर रोड नंबर दो निवासी मनाेरंजन के बेटे रीतुराज को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि इसी शख्स ने रूपेश को गोलियां मारी थीं। इस मामले में रीतुराज के तीन और साथियों की तलाश में पुलिस लगी है। ये तीनों भी पटना के ही रहने वाले हैं।
टेक्निकल टीम भी करती रही जांच
हालाँकि इस मामले में जांच के लिए एक एसआइटी गठित की गई थी। इसके अलावा पटना पुलिस की एक और टीम को भी जांच में लगाया गया था। इस मामले में 50 से अधिक लोगों से व्यक्तिगत तौर पर पूछताछ की गई। करीब 600 मोबाइल नंबरों की डिटेल को खंगाला गया। शुरू में पुलिस ने एक टेंपो स्टैंड के विवाद, ठेकेदारी के विवाद जैसे एंगल से पुलिस ने जांच की। जमीन के धंधे काे लेकर भी पुलिस ने छानबीन की। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में एक टेक्निकल टीम एसआइटी से हटकर लगातार जांच करती रही।
बाइक पर सवार होकर आए थे चार अपराधी
इस बारे में एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि रुपेश को गोली मारने के लिए चार अपराधी दो बाइकों पर सवार होकर आए थे। इनमें से एक बाइक बजाज पल्सर, जबकि दूसरी बाइक टीवीएस अपाचे थी। वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी बेली रोड से होकर आर ब्लॉक-दीघा रोड होकर दीघा की तरफ जाकर महेशनगर, इंद्रपुरी, राजीवनगर नाला, आशियाना-दीघा रोड से दोबारा बेली रोड होते हुए रुकनपुरा तक गए थे। इसके बाद पुलिस को इनके भागने का रूट पता नहीं चल सका।
रूट खंगालते हुए ठिकाने तक पहुंची पुलिस
वही इसके बाद पुलिस ने उनके आने का रूट खंगालना शुरू किया तो पता चला कि ये अपराधी शाम को तीन बजे ही राजवंशीनगर मंदिर के पास दिखे थे। इसके बाद पुलिस की टेक्निकल टीम ने उनके आने का रूट खंगालते हुए कुर्जी कन्हाईनगर तक पहुंची। चारों अपराधी करीब ढाई बजे इसी जगह से राजवंशीनगर जाने के लिए निकले थे। कुर्जी कन्हाईनगर में सीसीटीवी फुटेज को लगातार खंगालने पर पता चला कि चारों अपराधियों मे से कम से कम एक शख्स इसी इलाके का रहने वाला है।
कई घंटे पहले ही बंद कर लिया था मोबाइल
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इनमें से एक शख्स का मोबाइल घटना के दिन करीब डेढ़ बजे ही बंद हो गया था। यह वही लड़का था, जो अपाचे बाइक पर पीछे बैठा था। इस शख्स का मोबाइल घटना के अगले दिन दिन के करीब ढाई बजे बैरिया में थोड़ी देर के लिए ही खुला। इसके बाद इस शख्स का मोबाइल रांची में खुला। पुलिस के मुताबिक. रीतुराज को यह मालूम नहीं था कि मरने वाला शख्स इतना बड़े रसूख वाला है। हत्या के अगले दिन जब उसने अखबारों में छपी खबर देखी तो उसने रांची भागने का फैसला किया। रांची, पतरातु और देवघर में रहने के दौरान वह रूपेश हत्याकांड की मीडिया कवरेज पर निगाह बनाये रखता था। जब उसे लगा कि पुलिस का ध्यान उसकी तरफ नहीं है और पुलिस ठेकेदारी और पार्किंग विवाद की जांच में उलझी है तो वह अपने घर पटना लौट आया।
रीतुराज ने सनराइज यूनिवर्सिटी से किया है बीए
रूपेश की हत्या करने वाले रीतुराज ने सनराइज यूनिवर्सिटी से बीए किया है। वह कई जगह नौकरी भी कर चुका है। वह काफी दिनों तक दिल्ली में रहा है और वहां कॉल सेंटर की नौकरी भी किया है। बाद में वह पटना चला आया। यहां आकर वह गलत धंधों में लग गया। आजकल वह बाइक चोरी के धंधे में लग गया था। पटना एसएसपी का कहना है कि वह हर महीने चार से पांच बाइक चुरा लेता है। ऐसा उसने खुद ही पुलिस के सामने कबूल किया है।
इसके बारे में पुलिस को पता चला कि वह हर 10-15 दिनों पर बाइक बदलता रहता है। बाद में पता चला कि वह मोटरसाइकिल चोर है। इस शख्स का घर आरके नगर में है, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया। कन्हाईनगर में उसने एक डेरा किराया पर ले रखा था। उसके घर से 13 जनवरी की तारीख में बिहार से छपने वाले सभी प्रमुख अखबार मिले हैं।
रूपेश की गाड़ी से मरते-मरते बचा था
पकड़े गए शख्स ने बताया कि नवंबर महीने में लोजपा कार्यालय से एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते में रूपेश की गाड़ी से टकराकर वह मरते-मरते बचा। इस हादसे का दिन 28-29 नवंबर के आसपास बताया जा रहा है। उस दिन दोनों के बीच काफी कहासुनी हुई, लेकिन चोरी की बाइक पर सवार होने के कारण युवक वहां झगड़ा टाल देता है। लेकिन वह रूपेश का पीछा कर उसके घर का पता लगाता है। इसके बाद उसने रुपेश की हत्या का प्लान बनाया और इसके लिए अपने तीन दाेस्तों को तैयार किया। वारदात से पहले इसने कई बार और भी रुपेश की हत्या करने की कोशिश की। हर बार उसने स्पॉट रुपेश के पुनाईचक स्थित अपार्टमेंट के पास ही रखा। हालांकि अलग-अलग वजह से वह नाकामयाब होता रहा।
अपार्टमेंट के ठीक सामने रुपेश को मारी गई थी गोली
रूपेश को पुनाईचक में ठीक उनके अपार्टमेंट के सामने मारा गया था। बाइक सवार बदमाशों ने कार में सवार रूपेश पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी थीं। रुपेश को छह गोलियां मारने की बात सामने आई थी। हालांकि, रूपेश के शरीर पर 15 से अधिक जख्म के निशान मिले थे। इस हत्या में मुंगेर निर्मित पिस्टल का इस्तेमाल करने की बात सामने आई थी।
कई बिंदुओं पर जांच कर चुकी है पुलिस
इस हत्याकांड में पटना पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर चुकी है। पुलिस ने ठेकेदारी के विवाद, एयरपोर्ट में पार्किंग के विवाद और निजी दुश्मनी के एंगल से मामले की जांच की। इस मामले में बिहार के कई जिलों से ठेकेदारों और संबंधित विभागों के अधिकारियों से पूछताछ की गई। पुलिस ने बिहार से बाहर जाकर गुजरात के सूरत और गोवा तक भी जांच की।
काफी संवेदनशील रहा है मामला
आपको बताते चले की यह मामला राजनीतिक दृष्टि से भी काफी संवेदनशील रहा है। इस हत्याकांड के बाद बिहार में विधि-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। बिहार में विपक्षी दलों ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को गृह विभाग छोड़ने तक की सलाह दे डाली थी। जदयू की सहयोगी पार्टी भाजपा के नेताओं ने भी इस वारदात को लेकर चिंता जताई थी। भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने भी मामले को सीबीआइ को सौंपने की वकालत की थी।