गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: भारतीय संबिधान के शिल्पकार व भारत रत्न बाबा साहब डॉ.भीमराव आंबेडकर के 130 वीं जयंती पर उन्हें श्रदपूर्वक नमन् किया गया। सदर प्रखण्ड के अमवां गांव में अयोजित कार्यक्रम में बाबा साहब के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर मंच के नेताओं ने श्रदांजली दी।
इस मौके पर जगजीवन राम विचार मंच के बिहार अध्यक्ष रामसूरत राम ने कहा की बाबा साहब क जन्म म.प्र. के मऊ छावनी में 14 अप्रैल 1891 को पिता रामजी सकपाल व माता भीमा बाई के घर हुआ। उनके जन्म के समय कोई नहीं जानता था कि बड़ा होकर यह बालक सूरज व चांद की तरह दुनिया को रौशनी देगा। बाबा साहब ने भारत के समस्त बहुसंख्यक लोगों के लिये भी आज़ादी की मांग की थी कि देश के हर नागरिक बिना भेदभाव के समुचित नागरिक अधिकार प्राप्त कर सके। स्वंत्रता मिलने पर भारतीय संबिधान लिखते समय प्रत्येक अच्छे कानूनों प्रावधान संबिधान में किया। जिसका परिणाम है कि देश अनेक बुराइयों का सामना करते हुए भी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश बना हुआ है।
बाबा साहब ने न केवल संबिधान की रचना की बल्कि देश की आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिये अमेरिका के तरह भारत में फेडरल बैंक स्थापित करने का विचार रखा। जिससे रिज़र्व बैंक की स्थापना हुई। इसके साथ ही तिब्र विकास के लिये अनेक बहु उद्देशिय परियोजनाओं को भी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसमे सोन नदी,भाखड़ा बांध, हीरा बांध, चम्बल परियोजना, दामोदर घाटी सहित 16 परियोजनाओं को स्थापित देश को अग्रणी बनाने के लिये अथक प्रयास किया।
सामाजिक गतिविधियों को चलने के लिये वित्त आयोग, श्रम विभाग, सेंट्रल पॉवर बोर्ड, रोजगार कार्यालय, महिला कल्याण कोष सहित अनेक विभागो की स्थापना की। इसिलिये बाबा साहब को संबिधान के निर्माता के साथ आधुनिक भारत के निर्माता भी कहा जाता है। इस अवसर पर वक्ताओं ने बाबा साहब को अधुनिक भारत का शिल्पकार बताया।
मौके पर पूर्व पीपी रामनाथ साहू, मकरध्वज ठाकुर, सदर प्रखण्ड जदयू के उपाध्यक्ष अमित कुमार राम, प्रभु राम, हरकेश राम, सुगन्ध कुमार व रामदेव राम सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया।