दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई नई डि़जिटल गाइडलाइन की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। दरअसल कल यानी 25 मई को केंद्र सरकार की इंटरनेट मीडिया की नई गाइडलाइन को मंजूरी देने की डेडलाइन समाप्त हो गई है। ऐसे में अब केंद्र सरकार की नई इंटरमीडियरी गाइडलाइन को लागू नहीं करने वाले इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
इस बीच दुनिया की प्रमुख डिजिटल कंपनियों गूगल और फेसबुक ने मंगलवार को कहा कि वे नये आईटी नियमों के अनुपालन के लिये कदम उठा रही हैं. सोशल मीडिया कंपनियों के लिये नये आईटी नियम के प्रभाव में आने के कुछ घंटों पहले कंपनियों ने यह बात कही।
ट्विटर ने मांगा समय, फेसबुक राजी
इस गाइडलाइन की डेडलाइन खत्म होने से पहले इंटरनेट मीडिया के सबसे बड़े एप्प फेसबुक ने अपने बयान में कहा है कि वह सरकार की नई गाइडलाइन का सम्मान करती है और इसे लागू करने को लेकर काम कर ही है। फेसबुक ने ये भी कहा है कि नई गाइडलाइन को लागू करने को लेकर उसकी सरकार के साथ चर्चा भी चल रही है। दूसरी तरफ माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर(Twitter) ने केंद्र सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन को लागू करने के लिए छह महीने का समय मांगा है। भारतीय ट्विटर कहे जाने वाले Koo App ने सरकार की गाइडलाइन को लागू कर दिया है।
व्हाट्सएप सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा
दूसरी तरफ व्हाट्सएप भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा है। व्हाट्सएप ने कहा है कि भारत सरकार बुधवार से लागू होने वाली अपनी नई पॉलिसी पर रोक लगाए, क्योंकि इससे प्राइवेसी खत्म हो रही है। व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि सोशल मीडिया को लेकर भारत सरकार की नई गाइडलाइन भारत के संविधान के मुताबिक यूजर्स की प्राइवेसी के अधिकारों का उल्लंघन करती है, क्योंकि नई गाइडलाइन के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को उस यूजर्स की पहचान बतानी होगी जिसने सबसे पहले किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर किया है।
व्हाट्सएप ने साफ तौर पर कहा है कि यदि कुछ भी गलत होता है वह सरकार की शिकायत के बाद अपने नियमों के मुताबिक उस यूजर पर कार्रवाई करेगा। व्हाट्सएप प्लेटफॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है, इसलिए कानून का पालन करने के लिए व्हाट्सएप को इस एन्क्रिप्शन को तोड़ना होगा। ऐसे में व्हाट्सएप यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में आ जाएगी। भारत में व्हाट्सएप के करीब 55 करोड़ यूजर्स हैं।
सरकार कर सकती है बड़ी कार्रवाई !
बता दे कि इस साल फरवरी में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए थे। केंद्र सरकार ने इस गाइडलाइन को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया था. लेकिन Koo App के अलावा दूसरे प्लेटफॉर्म्स ने इसे लागू नहीं किया है। ऐसे में नई गाइडलाइन को लागू नहीं करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसमें उन्हें भारत में बैन किया जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर कोई जानकारी अभी तक नहीं आई है।
केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन में क्या है ?
वही केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन के मुताबिक इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर अप्वाइंट करना होगा, जो भारत में होगा। इस अधिकारी को 15 दिनों के अंदर OTT कंटेंट के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों का निपटारा करना होगा। केंद्र सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइन के तहत शिकायत के 24 घंटे के भीतर सोशल प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा।
नई गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट को समयसीमा के अंदर हटाना होगा। देश में इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी (नोडल अधिकारी, रेसिडेंट ग्रीवांस अधिकारी) को नियुक्त करना होगा। किसी भी सूरत में जिम्मेदार अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर OTT कंटेंट के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों का निपटारा करना होगा। इसके अलावा नई गाइडलाइन के तहत इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को एक मंथली रिपोर्ट जारी करनी होगी, जिसमें शिकायतों और उनके निपटारे की जानकारी देनी होगी।
यही नहीं किन पोस्ट और कंटेंट को हटाया गया और इसकी क्या वजह थी, इसके बारे में भी बताना होगा। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के पास इंडिया का फिजिकल एड्रेस होना चाहिए, जो कंपनी के मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर दर्ज होना चाहिए।