मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य सरकार ने इस साल दसवीं कक्षा की परीक्षा को कोरोना की दूसरी लहर के कारण रद्द करने का फैसला किया था। हालांकि मुंबई हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाया था। हाईकोर्ट ने परीक्षा के बारे में भी पूछा था। हालांकि राज्य सरकार ने परीक्षा न देने का अपना रुख कायम रखा था। हालांकि परीक्षार्थियों और अभिभावकों के बीच अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अंत में शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड़ ने दसवीं कक्षा के परिणाम और ग्यारहवीं कक्षा के लिए प्रवेश प्रक्रिया की घोषणा करते हुए भ्रम को दूर किया। छात्रों का मूल्यांकन दसवीं कक्षा के परिणाम के लिए 100 प्रतिशत में से 50 प्रतिशत अंक और नौवीं कक्षा के अंतिम परीक्षा के अंकों पर 50 प्रतिशत के वेटेज के आधार पर किया जाएगा। राज्य में कोरोना संक्रमण ने पिछले साल से हम सभी के लिए कई चुनौतियां पैदा की हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी चुनौतियां हैं। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में, हमने पूरे वर्ष छात्रों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण के लिए पूरे वर्ष विभिन्न गतिविधियों को लागू किया है।
कोरोना के प्रकोप के कारण हमने लगातार कहा है कि मार्च 2021 से सभी छात्रों अभिभावकों और दसवीं कक्षा की परीक्षाओं में काम करने वालों का स्वास्थ्य हमारी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। इसीलिए राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय हमारे द्वारा राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया था। तदनुसार राज्य सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में दसवीं वर्ष में प्रवेश करने वाले सभी छात्रों को आंतरिक मूल्य प्रदान किया है।
छात्र प्रत्येक विषय के लिए 100 अंकों का मूल्यांकन करते हैं –
कोरोना के कारण उत्पन्न असामान्य परिस्थितियों पर एक व्यापक नीति तैयार करते हुए मैं यह कहना चाहूंगा कि शिक्षा के क्षेत्र के विशेषज्ञों,प्राचार्यों,शिक्षकों,जनप्रतिनिधियों,माता-पिता संघों और प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ लगभग 24 अलग-अलग बैठकों में चर्चा हुई। उन सभी के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद हमने दसवीं कक्षा के छात्रों को अंक देने की नीति पर निर्णय लिया है। मूल्यांकन नीति के अनुसार छात्रों को प्रत्येक विषय के लिए 100 अंक मिलते हैं इसमें आठ अगस्त 2020 के सरकारी संकल्प के अनुसार कक्षा नौवीं और दसवीं कक्षा के लिए संशोधित मूल्यांकन योजना निर्धारित की गई है। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए दसवीं कक्षा की परीक्षा का अंतिम परिणाम निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर तय किया जाएगा।
1. पूरे वर्ष में दसवीं कक्षा में छात्रों के आंतरिक लिखित मूल्यांकन के 30 अंक
2. आंतरिक मूल्यांकन 20 अंक छात्रों के दसवीं कक्षा के गृहकार्य/ब्रेकिंग परीक्षा/प्रदर्शन परीक्षा के आधार पर
3. नौवीं कक्षा के छात्रों का अंतिम परिणाम विषयवार 50 अंक
इस प्रकार विषयवार कुल 100 अंक (नौवीं कक्षा के संपादन के लिए 50% वेटेज और दसवीं कक्षा के संपादकों के लिए 50% वेटेज)
पूर्व-कोविड-19 अवधि के संपादन स्तर को भी ध्यान में रखा गया –
इस आंकलन नीति का संचालन करते समय कोविड-19 से पहले के छात्रों के संपादन स्तर को भी ध्यान में रखा गया है। जो छात्र वर्तमान में दसवीं कक्षा में हैं,उनके पिछले वर्ष (कक्षा-9) के परिणाम पूर्व-कोविड वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन पर आधारित हैं। परिणाम एक साधारण प्रणाली पर दर्ज किया गया है। उक्त विधि से तैयार किये गये परिणाम से संतुष्ट नहीं होने वाले छात्रों को कोविड-19 की स्थिति सामान्य होने पर बोर्ड की प्रचलित पद्धति के अनुसार पदोन्नत किया जायेगा।
जून 2021 के अंत तक परिणाम घोषित करने की योजना –
छात्रों के परिणामों को विनियमित करने के लिए प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में स्कूल स्तर पर सात सदस्यीय परिणाम समिति होगी। इन परिणामों के अभिलेखों का सत्यापन विभागीय स्तर पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। विद्यालय स्तर पर अनियमितता या अभिलेखों में परिवर्तन के मामले में अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई प्रदान की जाती है। बोर्ड की योजना जून 2021 के अंत तक परिणाम घोषित करने की है।
छात्र मूल्यांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश के लिए वैकल्पिक सीईटी –
पुनरावर्तक,निजी (फॉर्म-17),दुर्लभ विषय लेने वाले छात्रों के लिए भी मूल्यांकन नीति तय की गई है। ग्रेडिंग योजना के तहत बैठने वाले छात्रों के लिए लागू अगले एक या दो अवसर अप्रभावित रहेंगे। हमने यह नीति बनाते समय राज्य में दसवीं कक्षा की परीक्षाओं में बैठने वाले सभी प्रकार के छात्रों पर विचार किया है। इस वर्ष के दसवीं कक्षा के परिणामों के लिए स्कूल स्तर पर विभिन्न परीक्षा बोर्डों द्वारा किए जा रहे आंतरिक मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए,हम ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश के लिए एकरूपता बनाए रखने और सभी छात्रों को समान अवसर देने के लिए कक्षा ग्यारहवीं में प्रवेश के लिए एक वैकल्पिक सीईटी लेंगे। प्रवेश परीक्षा दसवीं कक्षा के लिए बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। 100 अंक की इस परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और दो घंटे की परीक्षा ओएमआर पद्धति से ली जाएगी।