पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे पालिका के स्वामित्व वाले 38 भवनों में 1,260 फ्लैट बेचने का प्रस्ताव किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर घटक,साथ ही पुणे प्रशासन ने महाउसिंग-डी हाउसिंग आरक्षण के माध्यम से पालिका के स्वामित्व वाले 2,923 फ्लैटों में से 1,269 को बेचने का फैसला किया है। पालिका की मंशा सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित परिवारों को पट्टे पर दिए गए फ्लैटों को बेचने की है। पालिका के स्वामित्व वाले इन फ्लैटों को अगर बेच दिया जाए तो करीब 200 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है। एक फ्लैट की अनुमानित लागत 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच है। हाल ही में नगर आयुक्त विक्रम कुमार के कार्यालय में एक बैठक हुई। बैठक में संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया और जल्द ही इसे मंजूरी के लिए नगर सुधार समिति के पास भेजा जाएगा।
यह देखा गया है कि पालिका के कब्जे वाले फ्लैटों का दुरुपयोग किया जा रहा है। न्यूनतम किराए का भुगतान किरायेदारों
द्वारा समय पर नहीं किया जाता है। इसके उलट नगर पालिका इन भवनों की बार-बार मरम्मत पर पैसा खर्च करती है। इससे न सिर्फ आमदनी बढ़ती है बल्कि खर्चा भी बढ़ता है। फ्लैट को इस भावना से बेचने का निर्णय लिया गया है कि अगर यह वहां रहने वाले प्रभावित लोगों को ही बेचा जाता है,तो संबंधित को एक स्थायी घर मिलेगा और पालिका को आय भी होगी।
इतनी होगी फ्लैट की कीमत
1) नगरपालिका के स्वामित्व वाले फ्लैट केवल उन व्यक्तियों को बेचे जाएंगे जो वर्तमान में फ्लैटों में रह रहे हैं।
2) इसके लिए रेडी रेकनर दरों में निर्माण दर के साथ-साथ खाली जमींन का किराया भी शामिल कर फ्लैट की कीमत तय की जाएगी।
3) नए एकीकृत निर्माण विकास नियमों की घोषणा की गई है।
4) जिस प्लाट पर पालिका को सीमा क्षेत्र प्राप्त हुआ है उसमें प्रावधानों के अनुसार ऐसे स्थान पर किसी फ्लैट की कीमत का निर्धारण करते समय वर्तमान पुनर्निर्धारण के अनुसार वहां के प्लॉट की कीमत को ध्यान में रखा जाएगा।
फ्लैट बेचने के पीछे उद्देश्य
– फ्लैट का मालिक किरायेदार होगा। अपने स्वयं के फ्लैटों का रखरखाव,भवन की सफाई और उनकी निगरानी करना संभव होगा।
– फ्लैट बेचते समय किराएदारों से बकाया की वसूली की जाएगी।
– बकाया की वसूली में भारी प्रशासनिक लागत लगती है।
– पालिका को मिलेगा एकमुश्त राजस्व
– इन भवनों के रखरखाव और मरम्मत के खर्च में बचत होगी।
– फ्लैट टैक्स लगने से पालिका की आय बढ़ेगी।
ये फ्लैट केवल पालिका के फ्लैटों में वर्तमान में रह रहे किरायेदारों को ही बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश पिछले साल दिए गए थे। प्रक्रिया को कोरोना की पृष्ठभूमि में रोक दिया गया था। इस प्रक्रिया को फिर से तेज किया जा रहा है। किराएदारों को अपना घर मिलेगा और आमदनी पालिका प्रशासन को मिलेगा।