Pune पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) सातारा से राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसद श्रीनिवास पाटिल ने विचार व्यक्त किया कि एक कुशल सर्जन मरीजों में विश्वास जगाकर और मरीज को मौत के मुंह से सुरक्षित बाहर निकालकर सृजन का काम करता है। स्वर्गीय डॉ.केतन खुर्जेकर पर अभय इनामदार द्वारा लिखित और कॉन्टिनेंटल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का प्रकाशन आज सांसद श्रीनिवास पाटिल ने किया। वह उस समय बोल रहे थे। मंच पर मुख्य अतिथि डॉ.पद्म विभूषण के.एच.संचेती,अॅड.श्रीपाद खुर्जेकर,लेखक अभय इनामदार,डॉ.इस अवसर पर कॉन्टिनेंटल पब्लिशिंग की निदेशक देवर्ती केतन खुर्जेकर और अमृता कुलकर्णी उपस्थित थीं।
सांसद श्रीनिवास पाटिल ने कहा कि डॉ. केतन खुर्जेकर एक अलग ही अंदाज के डॉक्टर थे। व्यक्ति अपनी उपस्थिति मात्र से ही रोगी को चंगा करने की शिक्षा में कुशल होता है, जबकि व्यक्ति संस्कारों से विनम्र होता है। डॉ.केतन सुरजेकर एक कुशल चिकित्सक और एक विनम्र व्यक्ति थे। संचेती अस्पताल उनकी कर्मभूमि थी और इस कर्मभूमि के लिए वे समर्पित थे। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. केएच संचेती ने कहा कि डॉ.केतन खुर्जेकर एक संस्कारी व्यक्ति थे। इस पुस्तक में विभिन्न मामलों के माध्यम से व्यक्त उनका व्यक्तित्व नई पीढ़ी के डॉक्टरों के लिए एक आदर्श होगा। इसे पाठ्यपुस्तक में भी शामिल किया जा सकता है। यह पुस्तक मेडिकल छात्रों के डॉक्टरों का अभ्यास करने के लिए एक मार्गदर्शिका है।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ.पराग संचेती ने कहा कि डॉ.केतन सुरजेकर बेहद आत्मविश्वासी और ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनी थे। वह सबसे कठिन सर्जरी भी करते थे। संचेती अस्पताल में उनका व्यवहार न केवल पेशेवर था,बल्कि भावनात्मक भी था। वह अस्पताल के प्रशासनिक समस्याओं में कई कठिन मौकों पर दोस्त के रूप में भी खड़े रहे।
पहली यात्रा आकस्मिक और अल्पकालिक थी। वे बहुत महत्वाकांक्षी थे और इस बात पर जोर देते थे कि किसी भी मरीज को बिना इलाज के किसी भी कारण से हतोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। वह व्यक्तिगत रूप से समय पर अपने चिकित्सा कर्तव्यों से परे जाकर रोगियों के लिए बेहतर उपचार प्राप्त करने का प्रयास किया। वह संचेती अस्पताल के रीढ़ विभाग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए महत्वाकांक्षी थे। संचेती अस्पताल की नींव की खुदाई से लेकर आंतरिक साज-सज्जा तक साए की तरह साथ रहे।
इस अवसर पर बोलते हुए अमृता कुलकर्णी ने कहा, डॉ. केतन खुर्जेकर बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। इस पुस्तक के निर्माण की प्रक्रिया छह-सात साल पहले शुरू हुई थी, जब डॉ. केतन खुर्जकर और अभय इनामदार दोनों कॉन्टिनेंटल के कार्यालय में पुस्तक की निर्माण प्रक्रिया पर चर्चा करने आते थे। चिकित्सा क्षेत्र के लिए हम जो बड़ा सम्मान महसूस करते हैं, वही हमें इस पुस्तक को बनाने के लिए प्रेरित करता है। लेखक अभय इनामदार ने किताब बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया। सलाह डॉ. श्रीपाद खुर्जकरी केतन सुरजेकर की यादें ताजा हो गईं। डॉ. देवर्ती खुरचेकरी केतनकर की याद में शुरू हुए नए फाउंडेशन की जानकारी दी। हर्षद सुरजेकर ने सभी मान्यवरों का आभार माना।