PIMPRI पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंततः पुणे,पिंपरी चिंचवड़ में एक प्रमुख वित्तीय संस्थान सेवा विकास बैंक के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक संजय कुमार ने शुक्रवार 4 जून 2021 को बैंक के निदेशक मंडल के काम में विभिन्न त्रुटियों और अनियमितताओं के कारण एक प्रशासक की नियुक्ति का निर्देश दिया। बैंक धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के लिए पूर्व अध्यक्ष सहित निदेशकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की गई है। इसके बाद बैंक में प्रशासक की नियुक्ति से पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में हड़कंप मच गया है।
महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम 1960 के तहत जारी आदेश में कहा गया है कि मार्च 2018 में बैंक में कुल जमा राशि (करोड़ रुपये में सभी आंकड़े) 823.42 करोड रुपये थी।31 मार्च 2018 को शुद्ध एनपीए 136.66 करोड़ (32.08%) था। 31 मार्च 2020 के अंत तक यह अब 114.23 करोड़ (34.65%) है। बैंक में 8,000 से अधिक सदस्य भी हैं। पूर्व अध्यक्ष धनराज नाथूराज असवानी ने फरवरी 2019 में बैंक में अनियमितताओं पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया था कि निदेशक मंडल ने करोड़ों रुपये का गबन किया है। उस समय तत्कालीन सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार पुणे सतीश सोनी ने ऑडिट का आदेश दिया था। इस ऑडिट में रिजर्व बैंक और सहकारिता आयुक्त ने आरोप लगाया था कि कई लेन-देन अनियमित थे।
बैंक के निदेशक मंडल ने असुरक्षित अधिकतम ऋण देकर सीमा का उल्लंघन किया है। सहकारिता आयुक्त सतीश सोनी ने तब रिजर्व बैंक और सहकारिता विभाग द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों के संबंध में कुछ ऋण खातों की जांच के आदेश दिए थे। बैंकिंग सुधार अधिनियम 2020 की धारा 36 एएए के तहत प्रशासक नियुक्त करने की कार्रवाई की गई है। नवनियुक्त प्रशासक गणेश एस. अग्रवाल बैंक के प्रशासन की देखरेख करेंगे। एक प्रशासक की नियुक्ति इस बैंक में कदाचार पर अंकुश लगाएगी। एक प्रशासक की नियुक्ति निदेशक मंडल की सभी शक्तियों को समाप्त कर देती है। चूककर्ता उधारकर्ताओं के लिए वर्तमान समय कठिन है और ऋण वसूली अभियान प्रशासक के मार्गदर्शन में प्रभावी ढंग से चलाया जाएगा। बैंक में राजनीतिक दखलंदाजी भी बंद होगी।