पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य के तकनीकी सलाहकार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इलाज में ऑक्सीजन,स्टेरॉयड दवाओं और जन्मजात मधुमेह जैसे संयुक्त पृष्ठभूमि वाले मरीजों की घर से निकलने से पहले अच्छी तरह जांच की जानी चाहिए। सुभाष सालुंखे ने प्रस्तुत किया। म्यूकोमाइकोसिस रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों को शीघ्र निदान और उपचार के लिए ये निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण, मधुमेह,कैंसर,एचआईवी सहित कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों,इसके इलाज के लिए स्टेरॉयड दवाएं लेने और गंभीर रूप से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली में इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है। वहीं ऐसे मरीजों की मृत्यु दर 50 फीसदी है। इसलिए अस्पताल से डिस्जार्ज से पहले कोरोनरी रोगियों की सभी जांच करानी चाहिए और रोग के लक्षण और इसकी प्रकृति रोगियों और उनके रिश्तेदारों को दी जानी चाहिए। सालुंखे ने स्पष्ट किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नगर अध्यक्ष जगदीश मुलिक ने पालिका आयुक्त विक्रम कुमार से नागरिकों को बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए एक समन्वय अधिकारी नियुक्त करने को कहा है। इस संबंध में मुलिक ने विक्रम कुमार को पत्र दिया है। शहर में पिछले कुछ दिनों से म्यूकोमाइकोसिस के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अभी कितने मरीज हैं, कितने मरीज बीमारी से उबर चुके हैं, यह पता नहीं है।
इसलिए नागरिकों में भी भय का माहौल है। इस संदर्भ में बीमारी की रिपोर्ट करने के लिए एक स्वतंत्र समन्वय अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए। आम जनता को म्यूकोमाइकोसिस की जानकारी नहीं है। मुलिक ने कहा कि एक अधिकारी की नियुक्ति से बीमारी के उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।