पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) यह पता चला है कि सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता संदीप खांडवे के हस्ताक्षर को जाली बनाकर 4 करोड़ 88 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। खंडवे के हस्ताक्षर के तहत एक ठेकेदार को 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। निगम के पदाधिकारियों सहित कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा होने की चर्चा है। यह घोटाला पुणे मनपा के जल निकासी परियोजना विभाग में हुआ है।
वास्तव में मामला क्या है?
ड्रेनेज परियोजना विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता संदीप खांडवे 31 अगस्त 2019 को सेवानिवृत्त हुए। उनका पद कार्यकारी अभियंता सुष्मिता शिर्के को अतिरिक्त प्रभार के रूप में दिया गया था। लगभग 3 महीने बाद 27 नवंबर 2019 को कुछ अधिकारियों ने खांडवे के हस्ताक्षर को जाली बनाने के लिए साजिश रची और पाटिल कंस्ट्रक्शन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 4 करोड़ 88 लाख 24 हजार 505 रुपये का बिल दिया।
मैंने उस पर हस्ताक्षर नहीं किया-खांडवे
ड्रेनेज परियोजना विभाग ने शहर की 51 किलोमीटर लंबी नदियों में 36 स्थानों से सीवेज को निकटतम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से सील पाइपों के माध्यम से जोडने का काम निकाला था। इस अनुबंध में बारहवें बिल को जारी करते समय एक बड़ा घोटाला हुआ था। खांडवे का कहना है कि वेे उस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया। मैंने पालिका की लंबी सेवा में बहुत जिम्मेदारी से काम किया है । इस घटना के बाद खांडवे का किसने हस्ताक्षर किया? इस बारे में जांच चल रही है। पुणे मनपा के मुख्य लेखाकार उलका कलामकर ने कहा कि हम इस मामले की भी जांच करेंगे।