पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) अंग्रेजों से लड़ाई में न जाने कितने ज्ञात-अज्ञात लोगों ने प्राणों की आहुति दी है। छोटे-बड़े अनगिनत क्रांतिकारियों की शहादत ने आज़ादी की लड़ाई में अपना-अपना योगदान दिया। ऐसा ही एक नाम शहीद बाबू गैनू जिन्होंने अपनी 22 साल की उम्र में स्वदेशी आंदोलन में अपना बलिदान दिया हैं आज इसी शहीद बाबू गेनू के बलिदान दिवस पर उनके जन्म स्थान पुणे जिले के म्हालुंगे के पडलव गांव में आज शहीद बाबू गैनू स्मारक पर उन्हें स्थानीक प्रशासन,राजनीतिकों की ओर से शहीद बाबू गैनू प्रतिष्ठान के कार्यकर्ता द्वारा आज अभिवादन किया गया।
आपको बता दें कि शहीद बाबू गेनू का जन्म 1902 में पुणे जिले के महालुंगे पड़वल गांव में हुवा था।शहीद बाबू गेनू के बलिदान दिवस पर गये 13सालों से मुंबई में जहा उनकी मौत हुई थी उसी जगह से शहीद बाबू गैनू को श्रधांजलि देने के लिए शहीद बाबू गैनू प्रतिष्ठान के कार्यकर्ताओं द्वारा मशाल लेकर उनके जन्म स्थल महालुंगे पड़वल गांव में आकर उन्हें श्रधांजलि दि जाती हैं।
शहीद बाबू गैनू को श्रद्धांजलि देने के लिए पूर्व सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल,स्थानीय ग्रामस्थ की ओर से युवा कार्यकर्ता मौजूद थे। साथ ही पूर्व सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल ने कहा कि शहीद बाबू गैनू का इतिहास की जानकारी आज की पीढी को जानना बहुत जरुरी है।