पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित समाज की बेटी के साथ दुष्कर्म और पुलिस प्रशासन द्धारा बलजबरी माता पिता की बिना अनुमति रातों रात शव को जलाने की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश और गुस्सा है। इस घटना की आंच पिंपरी चिंचवड उद्योगनगरी शहर में भी दिखाई दी। पिंपरी में वाल्मिकी समाज ने कल शाम पिंपरी कैम्प से डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर चौक तक कैंडल मार्च निकाला। इसमें भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी। हाथों में पीडित बेटी की तस्वीर लेकर महिलाएं दरिंदों को फांसी और बेटी को न्याय देने की गुहार लगा रही थी।
इस कैंडल मार्च का नेतृत्व महाराष्ट्र प्रदेश वाल्मिकी समाज अध्यक्ष मोहन बिडलान,शहर वाल्मिकी समाज अध्यक्ष राजू परदेशी,पूर्व नगरसेवक अरुण टाक,राजेश बडगुजर,सोमनाथ वेद,अनिल पारचा,नरेंद्र टाक, आशा सोदाई,प्रियंका टाक,विजेंद्री वेद,किरण वेद,रवि ढकोलिया,कुणाल वेद आदि समाज के मान्यवरों ने किया। सैकडों की तादाद में महिलाएं,युवक कैंडल मार्च में हिस्सा ली।
इस अवसर पर पूर्व नगरसेवक अरुण टाक ने हमारे संवाददाता को अपनी दर्द विदारक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाथरस की हमारी बेटी के साथ जिन दरिंदों ने दुष्कर्म किया उन्हें गोली मार देनी चाहिए,फांसी पर लटका देना चाहिए। दुर्भाग्य है देश का कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी पढाओ,बेटी बचाओ का नारा देते है और देश की बेटियों को उनकी ही भाजपा की योगी सरकार बचाने में नाकाम है। पिंपरी चिंचवड समेत पूरे देश में लॉकडाउन के समय दलित,वाल्मिकी समाज की महिलाएं सडकों,हॉस्पिटलों,रेलवे,शहर के गली कूचों में साफ सफाई करके कोरोना योद्धा बनी। लेकिन अफसोस के साथ कहना पड रहा है कि इन महिलाओं की दयनीय स्थिति यह है कि घर में दो वक्त की रोटी खाने को नहीं है। रोज कुंआ खोदती है रोज पानी पीती है ऐसा बुरा हाल है। लेकिन हमारा शासन-प्रशासन इन कोरोना योद्धओं के बारे में चिंतित नहीं है।
पिंपरी चिंचवड शहर में दलित,वाल्मिकी समाज की महिलाएं सोसायटी बिल्डिगों,चालों,घरों में साफ सफाई करने अपनी बेटियों के साथ जाती है। वहां सुरक्षा गार्ड,किराएदार बेचलर लडके जिनका पुलिस वेरिफिकेशन,चरित्र प्रमाणपत्र,मूलगांव और स्थानीय पता का रिकॉर्ड पुलिस के निर्देशों पर संबंधित ठेकेदार,घर मालिक को देना अनिवार्य होना चाहिए। लेकिन देखा गया है कि ऐसे नियमों का कडाई से पालन नहीं हो रहा। दलित,वाल्मिकी समाज की ये महिलाएं असुरक्षित है। इनके साथ कोई अनहोनी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता। पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश को एक निवेदन देकर महिलाओं की सुरक्षा की गुहार लगाई गई है। साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे,उपमुख्यमंत्री अजित पवार,गृहमंत्री अनिल देशमुख से मांग है कि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देकर इस पिछडे समाज की महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित ठोस उपाय योजना बनाए और बिना विलंब निर्णय लें। अरुण टाक ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ साल पहले एक फ्लैट में काम करने गई दलित समाज की बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना घटी थी। दरिंदे किरायेदार थे और फरार हो गए थे। इसलिए सुरक्षा गार्ड हो या किराएदार सबका पुलिस वेरिफिकेशन,चरित्र प्रमाणपत्र,मूलगांव का पता,किसी एक व्यक्ति की सिफारिश उसका संपर्क व पता पुलिस रिकॉर्ड में होना अनिवार्य होना चाहिए।