पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए सालाना करोडों रुपये का ठेका निकालती है। यह ठेका हासिल करने के लिए कुछ ठेकेदार पालिका अधिकारियों और टेंडर क्लर्क से सांठगांठ करके फर्जी दस्तावेज जमा करके प्राप्त किए है। विकास कार्यों को अंजाम देने वाले ठेकेदारों को अधिकारियों की मदद से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये के काम मिले हैं। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि लगभग 100 मामलों में इस तरह के ठेकेदार हासिल हुए हैं। हालांकि यह स्पष्ट है कि इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है। विभिन्न विकास कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं। प्रतियोगिता के माध्यम से निविदा भरने की उम्मीद है। नौकरी पाने के लिए, ठेकेदार को कई दस्तावेज जमा करने होते हैं जैसे कि सुरक्षा जमा, बैंक गारंटी।
ठेके हासिल करने में नकली दस्तावेजों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। पिंपरी के राकांपा विधायक अण्णा बनसोडे ने इस बात का सर्वप्रथम खुलासा किया था। आयुक्त श्रावण हर्डीकार पत्र लिखकर अवगत कराया था और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी। संबंधित ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया जाए। हालांकि, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। ठेकेदारों से कहा गया था कि वित्तीय सुरक्षा के साथ आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करने पर भी काम किया जाना चाहिए। चालू वर्ष में लगभग 100 ऐसे मामले सामने आए हैं। कचरे के कई मामले वर्तमान में चर्चा में हैं। फर्जी दस्तावेजों के इस रैकेट के खुलासे से खलबली मच गई है। नगर पालिका को धोखा देकर ठेकेदारों ने करोड़ों के काम करवाए हैं। माना जाता है कि ठेकेदारों ने राजनीतिक आशीर्वाद और अधिकारियों के गुप्त समर्थन के कारण ऐसा किया है।
पिंपरी चिंचवड मनपा के शहर अभियंता राजन पाटिल ने इस बारे में कहा है कि ठेका काम प्राप्त करने में उपयोग किए जा रहे जाली दस्तावेजों के कुछ मामले प्रकाश में आए हैं। उस संबंध में गहन जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे मामले दोबारा न हों।