पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे महानगरपालिका बकाया वसूली के लिए अभय योजना लागू की। लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि इस योजना से बड़ी आय अर्जित नहीं हो पा रही है। पूर्व में लागू की गई दो अभय योजनाओं में कुल 526 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। आयकर की बकाया राशि से प्राप्त आय वही है जो आम नागरिकों की है जो इस योजना में बकाया का भुगतान कर रहे हैं। इसलिए,यह स्पष्ट नहीं है कि इस वर्ष 50 लाख रुपये तक के बकाया का भुगतान किया जाएगा या नहीं। साथ ही बकाया भी वसूल किया निगम की स्थायी समिति ने आयकर बकाया की वसूली के लिए अभय योजना लागू करने का निर्णय लिया है। अभय योजना उन लोगों के लिए है जो 50 लाख रुपये तक के बकाया हैं।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कर संग्रह विभाग ने दावा किया है कि अभय योजना नगर निगम के खजाने में राजस्व उत्पन्न करेगी। हालाँकि,वास्तविकता अलग है और अभय योजना के लागू होने के बाद भी बकायादार इससे मुंह मोड़ रहे हैं। इस पर आयकर,जुर्माना और ब्याज जैसे बकाया लगाए जाते हैं। आवासीय गैर-आवासीय (वाणिज्यिक आय) और मोबाइल टॉवर शुल्क का संयुक्त बकाया 5,739 करोड़ रुपये है। इसमें से आवासीय और गैर-आवासीय संपत्तियों का बकाया 2,117 करोड़ रुपये है। 5 लाख 35 हजार 410 बकाया हैं। मोबाइल टावरों का बकाया भी 3,271 करोड़ रुपये है। कुछ मोबाइल कंपनियों ने बकाया के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया।अभय योजना से समतुल्य दावों और मोबाइल टावरों को छोड़कर कितना बकाया वसूला जाएगा इसकी अस्पष्टता है। यह दावा किया जाता है कि योजना के तहत आवासीय और गैर-आवासीय बकाया राशि से केवल 800-900 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। दरअसल,2015 में लागू अभय योजना से 211 करोड़ और 2016 में लागू अभय योजना से 315 करोड़ की कमाई हुई है। रद्द किए जाने के बाद उन बैंकों में पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को प्रचलन में जमा करने की अपील की गई थी। इस अवधि के दौरान,नगरपालिका चुनावों से पहले 2016 में आयकर सुरक्षा योजना लागू की गई थी। उनका शानदार रिजल्ट देखने को मिला था। इसमें से 315 करोड़ रुपये राजकोष में जमा किए गए।