पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे मनपा का बजट आज स्थायी समिति के पेश किया गया है। पालिका आयुक्त विक्रम कुमार ने स्थायी समिति को बजट सुपुर्द किया। पुणे शहर की जनता को ना नया टैक्स लादा गया और नहीं पुराने टैक्सों में कोई बढोत्तरी की गई। महापौर मुरलीधर मोहोल,स्थायी समिति के अध्यक्ष हेमंत रासने,सदन के नेता गणेश बीड़कर,उपमहापौर सरस्वती शेंडगे,पालिका आयुक्त विक्रम कुमार,अपर आयुक्त रूबेल अग्रवाल उपस्थित थे।
नए स्रोत जुटाने की विफलता,बजट रकम में वृद्धि
पुणे पालिका आयुक्त विक्रम कुमार ने अपना पहला अनुमानित बजट प्रस्तुत किया। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 7,650 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है। पिछले तीन से चार वर्षों में आय के नए स्रोतों को जुटाने में विफल रहने के बावजूद,आयुक्त द्वारा कोई विकल्प दिए बिना बजट में वृद्धि की गई है। शहर के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने,पीपीपी मॉडल के माध्यम से शहर की 20 सबसे महत्वपूर्ण सड़कों के विकास,येरवडा में परिवहन पार्क का निर्माण,ठोस अपशिष्ट,जल आपूर्ति,इलेक्ट्रिक बसों की खरीद,सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए प्रावधान किया गया है। 10 किमी साइकिल ट्रैक। इसके अलावा,शहर के आसपास तीन नई टिप्पी योजनाएं लागू की जाएंगी। साथ ही 11 गांवों का विकास योजना तैयार की जाएगी।
विकास योजनाओं की बरसात
नदी सुधार परियोजना पर विशेष जोर दिया जाएगा जिसके लिए 150 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। आयुक्त ने यह भी कहा कि झुग्गी-मुक्त शहर,प्रधान मंत्री आवास योजना और नगरपालिका कर्मचारियों को घरों के आवंटन के लिए प्रावधान किया गया है। निजी भागीदारी के माध्यम से एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। आईटी स्टार्ट-अप के लिए धन के साथ केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। आयुक्त ने बजट में सूचित किया है कि नियमित कर दाताओं के लिए एक वफादारी योजना शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सीएसआर के माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं में सुधार किया जाएगा और अधिक नयापन लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक नए लाइट हाउस के निर्माण पर डिजिटल साक्षरता पर ध्यान दिया जाएगा।
इस काम के लिए पैसा खर्च होगा
1) पानी की आपूर्ति – 1137 करोड़
2) ड्रेनेज – 685 करोड़
3) सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट – 703 करोड़
4) स्वास्थ्य – 574 करोड़
5) परिवहन योजना – 650 करोड़
6) पथ – 925 करोड़
7) पुणे महानगर परिवहन निगम लिमिटेड – 378 करोड़
8) पार्क – 104 करोड़
9) बिजली – 134 करोड़
10) बिल्डिंग डिजाइन – 377 करोड़
11) सूचना और प्रौद्योगिकी – 46 करोड़
12) शिक्षा के लिए आधुनिक सुविधाएं – 384 करोड़ प्राथमिक / 71 करोड़ माध्यमिक
यहां से पैसा आएगा
1) स्थानीय निकाय कर – 170 करोड़
2) गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स – 1985
3) आयकर – 2356 करोड़
4) बिल्डिंग परमिट और विकास शुल्क – 985 करोड़
5) पानी की आपूर्ति – 492 करोड़
आयुक्त विक्रम कुमार ने कुल व्यय 7,650 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया। इसका मतलब है कि कमिश्नर का लक्ष्य उतना ही बजट इकट्ठा करना है जितना बजट प्रस्तुत किया गया है।