पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) वसूली एजेंटों से परेशान रिक्शा चालक पुणे जिलाधिकारी को अपना खून देकर विरोध करने का अनोखा तरीका निकालें है। पुणे शहर के रिक्शा चालक सरकार से काफी नाराज है। लोन पर रिक्शा की किश्त भरते भरते रिक्शा चालक परेशान है। कोरोना लॉकडाउन में 6 महीने रिक्शा सडकों पर नहीं उतरे। सरकार से कोई रियायत नहीं मिल रही। सरकार का ध्यान रिक्शा चालकों की भूखमरी की ओर नहीं जा रहा। पुणे जिलाधिकारी को आज सोमवार को खून से भरी बोतलें देकर अपना आंदोलन करेंगे।
वसूली एजेंटों से परेशान हैं रिक्शाचालक
रिक्शा चालकों का यह भी कहना है कि जिन कंपनियों से लोन लिया है उनके अधिकारी किसी भी वक्त कार्यालय बुलाते है।अभद्र व्यवहार करते है। गालीगलौज करते है। रिक्शा जब्त करने की धमकी देते है। महामारी की वजह से सवारी रिक्शा का इस्तेमाल नहीं कर रहे है। कमाई की घटाई होने से परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है ऐसे में लोन किस्त कहां से भरेंगे?
500 रिक्शाचालक करेंगे विरोध
आज जिलाधिकारी को 500 रिक्शा चालक अपना खून शीशियों में भरकर सुपुर्द करेंगे। पुणे के रिक्शा चालक संतोष नेवसकर बताते हैं कि घटकर 300 रुपये प्रतिदिन हो गई है। सरकार को कुछ ध्यान देकर नियमावली बनानी चाहिए। चालक विश्वेशवर हीरेमठ का कहना है व्यवसाय बूरी तरह डाउन हो गया है। नए परमिट का सिलसिला जारी है। ज्यादा रिक्शा होने से इतनी स्पर्धा हो गई कि एक दूसरे का नुकसान करने पर रिक्शा चालक व्यवस्त है।