पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर की 30 लाख आबादी के लिए सामाजिक सुरक्षा पथक की अत्यावश्यक थी। पिछले दो आयुक्तों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण शहर की सामाजिक सुरक्षा समय समय पर खतरे में दिखाई दी। समाजिक अशांति दिखी। कृष्ण प्रकाश ने पुलिस आयुुक्त पद की कमान संभालते ही इस गंभीर समस्या और जरुरत की ओर ध्यान केंद्रित किए। सोमवार 29 सितंबर को सामाजिक सुरक्षा पथक का गठन करके साहसिक निर्णय लिए। इस पथक में 3 अधिकारी और 9 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है।
पिंपरी चिंचवड शहर में स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय की स्थापना 15 अगस्त 2015 के दिन हुआ। शहर की आबादी 30 लाख के आसपास पहुंच गई। पुलिस की कम संख्याबल विरासत में मिला। कम वाहनों की सुविधा समेत अन्य कमियां हमेशा रही। शहर में अलग अलग पथकों की स्थापना हुआ। शहर में 5 गुन्हे शाखा पथक,आर्थिक गुन्हा शाखा,विशेष शाखा,नशीला पदार्थ विरोधी पथक,फिरौती,डकैती विरोधी पथक,सायबर गुन्हे शाखा,वाहन चोरी विरोधी पथक की स्थापना की गई। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा पथक की स्थापना नहीं की गई। जिसका परिणाम यह निकला कि सामाजिक अपराधों में इजाफा हुआ। पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने इस कमी को दूर करते हुए सामाजिक सुरक्षा पथक का गठन किया।
पिंपरी चिंचवड शहर पुलिस आयुक्तालय की सीमा में देहविक्री,स्प्रा के नाम पर वेश्वायवृत्ति धंधा बडे पैमाने पर शुरु था। अब शहर में स्वतंत्र सामाजिक सुरक्षा विभाग के बनने पर पूर्ण रुप से अंकुश लगेगा। यह पथक केवल सामाजिक अवैध धंधे,बुराईयों पर नजर रखेगा और छापा मारकर नेस्तनाबुत करने का काम करेगा। सामाजिक सुरक्षा पथक में पुलिस निरीक्षक विठ्ठल कुबडे,प्रसाद गोकुले,सहाय्यक पुलिस निरीक्षक डॉ.अशोक मारुती डोंगरे,सहाय्यक फौजदार विजय लक्ष्मण कांबळे,पुलिस कर्मचारी सुनील शिरसाठ,भगवंता मुठे,अनिल महाजन,वैष्णवी गावडे,राजेश कोकाटे,मारोती करचुंडे,गणेश कारोटे,योगेश तिडके की नियुक्ति की गई है।