पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) खेड़-शिवपुर टोल प्लाजा पर एमएच-12 और एमएच-14 वाहनों को दी गई रियायत समाप्त होने की संभावना है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल से मुक्त वाहनों के लिए फास्टैग और स्पेशल फास्टैग लागू करने का फैसला किया है। संवैधानिक कार्यालय रखने वाले व्यक्तियों और संगठनों के वाहनों को इस विशेष फास्टैग के लिए चुना गया है। इसलिए सवाल यह है कि पुणे के लोगों को खेड़-शिवपुर टोल से राहत कैसे मिलेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जनवरी से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य करने का फैसला किया है। टोल से छूट प्राप्त वाहनों को मंत्रालय द्वारा एक विशेष फास्टैग दिया जाएगा और इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्रालय ने वाहनों की सूची को मुफ्त फास्टैग दिए जाने की घोषणा की है। इनमें देश के राष्ट्रपतियों से लेकर अग्निशामकों के वाहन,साथ ही संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति,सरकारी प्रतिष्ठानों के वाहन शामिल हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग का वास्तविक केंद्रीय मंत्रालय जल्द ही फास्टैग लागू करके एक साल पूरा करेगा। हालांकि,उस समय,एक लेन नकद में टोल दाताओं के लिए आरक्षित थी। नए आदेश के अनुसार,केवल फास्टैग के लिए टोल प्लाजा पर गलियां होंगी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि टोल को नकद में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
स्थानीय लोगों के लिए मासिक पास
मासिक पास योजना को पहले ही लागू किया जा चुका है ताकि टोल नाके से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले नागरिकों को टोल के बारे में चिंतित न होना पड़े। नागरिकों को 275 रुपये में 30 दिन का पास दिया जाएगा। टोल प्रबंधन के अमित भाटिया ने बताया कि संबंधित नागरिक टोल प्लाजा से एक दिन में कई बार आ-जा सकते हैं। केंद्र सरकार ने टोल वसूली के लिए फास्टैग को अनिवार्य करने का फैसला किया है। टोल वसूली में राहत देने के केंद्रीय मंत्रालय के आदेश में कोई निर्देश नहीं है। एमएच-12 और एमएच-14 वाहनों को स्थानीय स्तर पर रियायतें देने का निर्णय तत्काल और सीमित अवधि के लिए था।