पुणे । व्हीएसआरएस न्यूज : पिछले 6 महीनों में परिवार से दूर रहकर दिन-रात मरीजों की सेवा में काम करने वाले डॉक्टरों,नर्सों और कर्मचारियों के आवास और भोजन को बहाल किया जाना चाहिए, इस मांग को लेकर शहर भाजपा की ओर से अध्यक्ष जगदीश मुलिक के नेतृत्व में ससून अस्पताल के कर्मचारियों को भोजन पैकेट वितरित कर एक अभिनव आंदोलन किया गया। इस समय मांगों का पत्र ससून के अधीक्षक मुरलीधर ताम्बे को दिया गया। इस समय कार्यकर्ताओं ने सरकार की अकुशलता,असंवेदनशीलता और पुणे शहर से किए जा रहे दोहरी नीति के खिलाफ जोरदार विरोध किया।
कोरोना महामारी के बाद से डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी पिछले 6 महीने से ससून अस्पताल के कोरोना वार्ड में काम कर रहे हैं। वे गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज कर रहे है। इसलिए वे संक्रमित होने से अधिक डरते है। इसलिए इन कर्मचारियों के आवास और भोजन की अच्छी व्यवस्था करना आवश्यक है, लेकिन ससून अस्पताल और सरकार की भूमिका गलत है और आपत्तिजनक है। क्योंकि धन की कमी के कारण यह व्यवस्था नहीं की जा रही है। इन योद्धाओं को सुविधाएं तुरंत प्रदान की जानी चाहिए। यदि सरकार सहमत नहीं है, तो इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। बेशक, पुणेकर को कोरोना योद्धाओं के लिए जितने दिन की जरूरत है, उतने दिनों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का उपहार है, जो पुणेकरों के स्वास्थ्य के लिए लड़ रहे हैं। मुलिक ने चेतावनी दी कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करे अन्यथा भाजपा को तीव्र आंदोलन करना होगा।
मुलिक ने कहा कि परिवार और अन्य लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए ड्यूटी के 8 दिनों के दौरान ससून अस्पताल क्षेत्र के विभिन्न होटलों में ठहराया गया था। हालांकि, सरकार ने होटल के बिल का भुगतान नहीं किया। इसलिए होटल वालों ने होटल छोड़ने से मना कर दिया है। दूसरी ओर, पुणे के जिला कलेक्टर ने कहा है कि होटलों में आवास सरकारी धन की भारी बर्बादी है। इसलिए व्यवस्था के लिए, गेस्ट हाउस, पुणे यूनिवर्सिटी गेस्ट हाउस,आईबी को छोड़कर अन्य सभी स्थान सैसून अस्पताल से दूर हैं। कर्मचारियों के लिए रात में इस जगह पर जाना मुश्किल हो रहा है। इससे भी अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि कर्मियों को अपने भोजन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। मुलिक ने सवाल किया है कि होस्टेल में रहने वाले कर्मचारी अपने भोजन की व्यवस्था कैसे करेंगे? डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के आवास और भोजन की बेहतर व्यवस्था करना जरूरी है, लेकिन ससून अस्पताल और सरकार की भूमिका गलत है और आपत्तिजनक है। क्योंकि धन की कमी के कारण यह व्यवस्था नहीं की जा रही है।