पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में भडकाउ भाषण देने के मामले में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है। एनआाईए ने अब 83 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। फादर को उनके निवास स्थान से पकडा गया है। दंगे में फादर की क्या भूमिका थी यह अभी साफ नहीं हो सका। ये केरल के मूलनिवासी है। सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में फादर स्टेन स्वामी की पहचान है। पिछले पांच दशकों से झारखंड में आदिवासी क्षेत्रों में लोगों के लिए काम कर रहे है।स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि स्वामी को उनके निवास स्थान से पकड़ा गया। यहां पर उन्हें हिरासत में रखकर लगभग 20 मिनट तक पूछताछ की गई और उसके बाद एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। स्वामी को आज (शुक्रवार) एनआईए अदालत में पेश कर सकती है।
फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी ने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ते हुए बिताया है। इसलिए मोदी सरकार ऐसे लोगों को चुप कराना चाहती है। क्योंकि इस सरकार के लिए, कोयला खनन कंपनियों को लाभ पहुंचाना,आदिवासियों के जीवन और रोजगार से ज्यादा महत्वपूर्ण है।आपको बता दें कि कोरेगांव भीमा मामले में अब तक कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और विचारकों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह है पूरा मामला
महाराष्ट्र के पुणे से 40 किलोमीटर दूर 1 जनवरी 2018 को कोरेगांव-भीमा गांव में दलित समुदाय के लोगों का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था,जिसका कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया था। यलगार परिषद के सम्मेलन के दौरान इस इलाके में हिंसा भड़की थी, जिसके बाद भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और दुकानों-मकानों में तोड़फोड़ की थी। इस हिंसा में एक शख्स की जान चली गई और कई लोग जख्मी हो गए थे। इस मामले में नवलखा,तेल्तुम्बडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ माओवादियों से कथित रूप से संपर्क रखने के कारण मामले दर्ज किए थे।