लखनऊ (व्हीएसआरएस न्यूज) लोकसभा और विधानसभा में जीत का परचम फहराने वाली भाजपा ने यूपी नगर निकाय चुनाव में भी अपना जलवा कायम रखा है। 17 नगर निगमों में से 15 सीटों पर भाजपा ने फहवा फहरा दिया है। इनमें से झांसी और गाजियाबाद सीट का रिजल्ट भी घोषित हो गया है। बाकी सीटों पर आधिकारिक घोषणा होना बाकी है। आगरा और मेरठ की बात करें तो यहां बसपा उम्मीदवार भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं। लखनऊ, गोरखपुर, मथुरा-वृंदावन, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या, शाहजहांपुर, अलीगढ़, कानपुर का रिजल्ट अभी घोषित नहीं हुआ है। कुछ ही देर में यहां भी रिजल्ट घोषित होने की संभावना जताई जा रही है। झांसी में 83,548 वोटों से भाजपा प्रत्याशी बिहारी लाल आर्य चुनाव जीत गए हैं। 39,903 वोट पाकर कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद कुमार बबलू दूसरे नंबर पर रहे। महापौर सीट पर झांसी में भाजपा की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है। भाजपा के प्रत्याशी ने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी। हर राउंड का चुनाव परिणाम भाजपा के प्रत्याशी की बढ़त बढ़ाता रहा। 25 राउंड तक चली वोटिंग के बाद बिहारी लाल आर्य ने बड़ी जीत हासिल की।
मुरादाबाद नगर निगम में भाजपा की टिकट से विनोद अग्रवाल चुनाव मैदान में हैं। विनोद अग्रवाल एक बार फिर इस सीट से जीतते नजर आ रहे हैं। विनोद तीसरी बार मुरादाबाद नगर निगम का चुनाव लड़ रहे हैं। विनोद अग्रवाल पेशे से निर्यातक हैं। विनोद की पत्नी बीना अग्रवाल ने 2000 में सबसे पहली बार महापौर बन कर भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह 2007 में सपा के डा. एसटी हसनसे चुनाव हार गईं। दूसरे नंबर यहां से कांग्रेस की मोहम्मद रिजवान चुनावी मैदान में हैं। मोहम्मद रिजवान कुरैशी कांग्रेस से दूसरी बार महापौर के प्रत्याशी बनाए गए हैं। रिजवान ने पिछली बार 2017 में भी महापौर पद पर कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाई तो उन्हें 73 हजार मत मिले और वह रनर रहे। भाजपा के विनोद अग्रवाल पिछली बार चुनाव जीते थे। वाराणसी नगर निगम में महापौर पद के लिए 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। यहां भाजपा के प्रत्याशी अशोक तिवारी की एकतरफा जीत मानी जा रही थी। भाजपा को यहां सपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सिंह व कांग्रेस प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव भी कड़ा मुकाबला दे रहे हैं।
बरेली नगर निगम : दूसरी बार चुनावी मैदान में उमेश गौतम
बरेली में भाजपा के निवर्तमान मेयर उमेश गौतम और सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर के बीच कड़ा मुकाबला है। हालांकि कांग्रेस से केबी त्रिपाठी और बसपा से मो. यूसुफ भी चुनाव मैदान में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। उमेश गौतम ने 2017 में भारी बहुत से चुनाव जीता था। यहां दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर हैं। आईएस तोमर को सपा ने समर्थन दिया है। आईएएस तोमर भी दो बार बरेली के मेयर रह चुके हैं।
शाहजहांपुर नगर निगम : पहली बार हो रहा मेयर का चुनाव
नगर पालिका से नगर निगम बना शाहजहांपुर में पहली बार मेयर का चुनाव हो रहा है। यहां मेयर पद की सीट महिला आरक्षित है। यहां भाजपा, सपा और कांग्रेस में त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। भाजपा से अर्चना वर्मा चुनावी मैदान में हैं। अर्चना वर्मा को पहले सपा ने प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन भाजपा ज्वाइन करने के बाद सपा ने दूसरे प्रत्याशी के नाम की घोषणा की थी। शाहजहांपुर के इंदिरानगर कालोनी निवासी 48 वर्षीय अर्चना वर्मा एक बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके पति राजेश 2022 में ददरौल विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। दूसरे नंबर पर रहे थे। अर्चना वर्मा के ससुर राममूर्ति सिंह वर्मा दिग्गज राजनीतिक थे। वह चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे। सपा सरकार में वह दो बार राज्यमंत्री भी रहे। वहीं सपा से माला राठौर मैदान में हैं। माला राठौर अपने ससुर सर्वेश राठौर की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर मेयर के चुनाव में उतरी हैं। सर्वेश राठौर सपा में जिला उपाध्यक्ष हैं। सर्वेश राठौर के बेटे सत्यम राठौर की माला पत्नी हैं। माला इससे पहले कभी चुनाव में नहीं उतरीं।
लखनऊ से भाजपा महापौर उम्मीदवार सुषमा खर्कवाल
लखनऊ में सुषमा खर्कवाल को भाजपा ने मेयर प्रत्याशी बनाया है। लखनऊ में भी भाजपा प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है। सुषमा रिटायर सैनिक प्रेम खर्कवाल की पत्नी हैं। सुषमा वर्तमान में उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की सदस्य हैं। इसके अलावा ये पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष महिला मोर्चा, पूर्व प्रदेश मंत्री महिला मोर्चा भी रह चुकी हैं।
अयोध्या नगर निगम: गिरीशपति ने घर से ही सीखा राजनीति का ककहरा
अयोध्या में भाजपा ने इस बार अपना प्रत्याशी बदल दिया है। भाजपा ने गिरीशपति पर अयोध्या में दांव लगाया है। गिरीशपति की भी अयोया में जीत तय मानी जा रही है हालांकि अभी अधिकारिक घोषणा होना बाकी है। तुलसी राजकीय स्कूल एवं महाराजा इंटर कॉलेज से प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद भाजपा के मेयर प्रत्याशी व तीन कलश तिवारी मन्दिर के 49वर्षीय महंत गिरीश पति त्रिपाठी को अपने घर से ही राजनीति के संस्कार मिले। पिता नगर पालिका की राजनीति करते थे। 1989 में चेयरमैन का चुनाव भी लड़ा। उस समय गिरीश साकेत डिग्री कॉलेज छात्र राजनीति कर रहे थे। घर के दबाव में करियर बनाने इलाहाबाद विश्वविद्यालय चले गए।
प्रयागराज नगर निगम: भाजपा प्रत्याशी गणेश केसरवानी
प्रयागराज में भाजपा ने गणेश केसरवानी महापौर का प्रत्याशी बनाया है। गणेश केसरवानी 1987 से सक्रिय राजनीति में हैं। पांच जनवरी 1968 को प्रयागराज में जन्में गणेश ने 1989 में राम जन्म भूमि आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। उनकी सक्रियता और उत्साह को देखते हुए भाजपा ने सबसे पहले उनको बूथ अध्यक्ष बनाया। इसके बाद गणेश का पार्टी में ओहदा बढ़ता रहा। यहीं से सपा ने अजय श्रीवास्तव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। समाजवादी पार्टी के महापौर प्रत्याशी अजय श्रीवास्तव बीते ढाई दशक से राजनीति और सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं। 10 जुलाई 1969 को प्रयागराज में जन्में अजय की पढ़ाई प्रयागराज में हुई। अजय ने इलाहाबाद विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की।
सहारनपुर नगर निगम : भाजपा के डॉ. अजय कुमार सिंह
डॉक्टर अजय कुमार सिंह पहली बार सक्रिय राजनीति में आए हैं। वह पिछले तीस साल से सहारनपुर में चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। शहर में दिल्ली रोड स्थित मेडीग्राम अस्पताल के संचालक भी हैं। डॉ. अजय सिंह की माताजी वर्ष 1995 में नगर पालिका बोर्ड में सभासद रही हैं। इसके अलावा परिवार में अन्य कोई भी राजनीति में नहीं रहा। इससे पहले डॉक्टर अजय ने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा। वहीं बसपा ने खदीजा मसूद को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। खदीजा मसूद पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय काजी रशीद मसूद की पुत्रवधू हैं। खदीजा का परिवार शुरू से ही राजनीति में सक्रिय रहा है। खदीजा के ससुर काजी रशीद मसूद नौ बार सांसद और एक बार केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहे। पति शाजान मसूद ने भी दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। काजी रशीद मसूद की राजनीतिक विरासत संभाल रहे इमरान मसूद का जिले में खासा प्रभाव माना जाता है।
कानपुर नगर निगम : भाजपा की प्रमिला पांडेय
कानपुर में मेयर चुनाव में भाजपा और सपा में संघर्ष होगा। कांग्रेस, बसपा और आप प्रत्याशी भी मैदान में हैं पर मुख्य संघर्ष में तीनों ही शामिल नहीं हैं। प्रमिला पांडेय जौनपुर की मड़ियाहूं तहसील के बेलौना गांव में वर्ष 1958 में पैदा हुईं। जिस स्कूल में वह पढ़ीं उसमें आठवीं क्लास में भी सारे लड़कों के बीच अकेली लड़की थीं। उनके पिता पंडित श्रीप्रकाश दुबे जमींदार थे। वहीं सपा ने प्रमिला पांडेय के सामने वंदना बाजपेई को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वंदना आर्य नगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी हैं। वंदना बाजपेयी मारुति-800 और एक गैस एजेंसी की मालकिन होने के साथ करोड़पति हैं। उनके पास 24 लाख रुपये के सोने के और 65 हजार रुपये के चांदी के आभूषण हैं। वर्ष 1997 में एएनडी महिला महाविद्यालय से कला संकाय में स्नातक की पढ़ाई करने वाली वंदना के नाम एक भी शस्त्र लाइसेंस नहीं है और न ही उनके खिलाफ कोई अपराधिक मामला पंजीकृत है।
गाजियाबाद नगर निगम: भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल ने मारी बाजी
गाजियाबाद नगर निगम में भाजपा ने एक बार फिर कमल खिलाया है। यहां भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल भारी मतों से चुनाव जीत गई हैं। सुनीता दयाल साल 2017 में भी भाजपा से टिकट की दौड़ में थीं, लेकिन तब पार्टी ने आशा शर्मा पर भरोसा जताया था। आशा आसानी से जीत गई थीं पर इस बार भाजपा ने अपनी प्रदेश उपाध्यक्ष सुनीता दयाल को महापौर प्रत्याशी बनाया था।
फिरोजाबाद नगर निगम: भाजपा की कामिनी राठौर दे रहीं टक्कर
फिरोजाबाद नगर निगम से भाजपा प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं। भाजपा की प्रत्याशी कामिनी राठौर गृहिणी हैं। एमए तक शिक्षित कामिनी इससे पहले समाजसेवा एवं अन्य कार्यों में सक्रिय रही हैं। 33 वर्षीय कामिनी का यह पहला चुनाव है।