National लखनऊ(व्हीएसआरएस न्यूज) सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी विधान परिषद की सभी 36 कैंडिडेट्स का ऐलान कर दिया है। वहीं, सपा ने गठबंधन धर्म निभाते हुए मेरठ-गाजियाबाद और बुलंदशहर सीट अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी हैं। बता दें कि यूपी विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे की 36 सीटों के लिए 9 अप्रैल को मतदान होना है। वहीं, 21 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुरादाबाद-बिजनौर से अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय मलिक, रामपुर-बरेली से मशकूर अहमद, बदायूं से सिनोज कुमार शाक्य, पीलीभीत-शाहजहांपुर से अमित कुमार, हरदोई से रजीउद्दीन, खीरी से अनुराग वर्मा, सीतापुर से अरुणेश कुमार, लखनऊ-उन्नाव से सुनील कुमार को टिकट दिया है। इसके अलावा रायबरेली से वीरेंद्र शंकर सिंह, प्रतापगढ़ से विजय बहादुर, बाराबंकी से राजेश कुमार, बहराइच से अमर, आजमगढ़-मऊ से राकेश कुमार, गाजीपुर से भोलानाथ शुक्ला, जौनपुर से मनोजकुमार, आगरा-फिरोजाबाद से दिलीप सिंह यादव, मथुरा-एटा-मैनपुरी से उदयवीर सिंह समेत 34 कैडिडेट का ऐलान किया है। जबकि बुलंदशहर और मेरठ-गाजियाबाद सीट जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी है।
सपा ने अमेठी-सुल्तानपुर से शिल्पी प्रजापति को एमएलसी प्रत्याशी बनाया है। वह जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की बहू हैं। शिल्पी पूर्व कैबिनेट में गायत्री प्रजापति के बड़े बेटे अनिल प्रजापति की पत्नी हैं। बता दें कि सपा ने अमेठी से गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी को इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। वह भाजपा कैंडिडेट और अमेठी के राजा संजय सिंह को हराकर विधायक बनी हैं। साफ है कि सास के बाद बहू पर भी सपा ने भरोसा जताया है।
बहरहाल, यूपी विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे के 36 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इस समय परिषद में भाजपा के 35, सपा के 17, बसपा के 4, अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और कांग्रेस का एक-एक सदस्य हैं. वहीं, 9 अप्रैल को हो रहे चुनाव के नतीजे विधान परिषद में बहुमत की तस्वीर तय कर देंगे। वैसे आम तौर पर जिसकी सत्ता होती है उस पार्टी के कैंडिडेट की जीत की संभावना बढ़ जाती है और पिछले तीन दशकों के चुनाव की तस्वीर कुछ ऐसी ही रही है। इस चुनाव में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, पार्षद, विधायक और सांसद मतदान करते हैं।