पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) एक कहावत चरितार्थ है कि …प्राण जाए पर वचन न जाए...वर्तमान में भोसरी से भाजपा विधायक और शहर अध्यक्ष महेश लांडगे की वचनपूर्ति करने का वक्त आ गया है। पिंपरी चिंचवड मनपा स्थायी समिति का अगला सभापति कौन? इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। भोसरी के बडे बुजुर्गों,घर परिवार को विश्वास है कि उनके सामने विधानसभा के वक्त महेश लांडगे ने रवि लांडगे को जो वचन दिया था जिसकी वचनपूर्ति करेंगे और रवि लांडगे को सभापति बनाने के लिए ऐढी चोटी का जोर लगा देंगे। ऐसा विश्वास भोसरीकरों को है।
स्थायी समिति सभापति पद के लिए अगले हफ्ते नामांकन की प्रक्रिया होगी। स्थायी समिति सभापति पद के लिए रवि लांडगे,शत्रुघ्न काटे के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है। साथ ही नितिन लांडगे और सुरेश भोईर भी इच्छुक नजर आ रहे है। विधानसभा चुनाव के वक्त रवि लांडगे खुद इच्छुक थे। लेकिन विधायक महेश लांडगे ने भोसरी परिसर के बडे बुजुर्ग,सम्मानित व्यक्तियों और घर परिवार,रिश्तेदारों की एक बैठक बुलाकर रवि लांडगे को चुनाव न लडने के लिए समझाने को कहा था। साथ ही यह भी वचन दिया था कि रवि लांडगे के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा,स्थायी समिति सभापति पद दिलाने का हरसंभव प्रयास करुंगा। रवि लांडगे ने सभी लोगों के आग्रह,विनंती का सम्मान करते हुए तलवार वापस म्यान में रख ली थी और पूरी ताकत लगाकर विधानसभा चुनाव में महेश लांडगे के लिए काम किया और वोटों का इंतजाम किया। यही कारण रहा कि महेश लांडगे भारी मतों से विजयी हुए।
भोसरी के सम्मानित बडे बुजुर्ग,घर परिवार,रिश्तेदार महेश लांडगे से मिलकर रवि लांडगे को सभापति बनाने के लिए मान मनौव्वत कर रहे है,वचनपूर्ति करने का दबाव बना रहे है। महेश लांडगे ने भी कहा है कि वे रवि लांडगे के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। ऐसी बातें भोसरी के गलियारों से छनकर आ रही है।
रवि लांडगे को स्व.अंकुश लांडगे परिवार का राजनीतिक वारिसदार माना जाता है। जनसंघ के समय से स्व.अंकुश लांडगे काम कर रहे थे। भोसरी समेत पिंपरी चिंचवड शहर में भाजपा का खूंटा अंकुश लांडगे ने गाडा था। उस समय जब शहर में प्रो.रामकृष्ण मोरे की तूती बोला करती थी,कांग्रेस के मनपा में सत्ता हुआ करती थी। तब स्व.अंकुश लांडगे ने अपने दम पर भाजपा के दो अंकों में नगरसेवक चुनकर लाते थे। उनके साथ काम कर चुके सदाशिव खाडे,एकनाथ पवार समेत कई पुराने भाजपाई इस बात के गवाह है। पुराने भाजपाई भी रवि लांडगे को न्याय दिलाने के लिए संघर्षशील है। 2017 पालिका चुनाव में रवि लांडगे बिनविरोध नगरसेवक निर्वाचित हुए है। युवाशक्ति उनके साथ है। लंबे रेस के राजनीतिक घोडा है। रवि लांडगे को सभापति बनाने से भाजपा और मजबुत होगी। चुनावी आखिरी वर्ष है। भाजपा रवि लांडगे को नाराज करके जोखिम उठाना नहीं चाहेगी। भोसरीकरों को विश्वास है कि महेश लांडगे अपना वचन निभाएंगे और रवि लांडगे को न्याय देंगे। राजनीति विश्वासों पर टिकी है। एक बार विश्वास टूटा तो दोबारा कोई विश्वास नहीं करता यह भी कटू सत्य है। इतिहास गवाह है कि जो नेता प्राण जाए पर वचन न जाए इस मूलमंत्र को अपनाकर चला वह राजनेता सियासत में वर्षों वर्षों तक जनता पर राज किया।