पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं ने राज्य के खजाने पर भारी बोझ डाला है। सरकारी खजाने में राजकोषीय घाटा एक लाख करोड़ रुपये है। इसलिए सभी विभागों को अगले दो महीनों में कठोर उपाय करने चाहिए। उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री अजीत पवार ने राज्य सरकार के सभी विभागों को आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए परियोजनाएं और कार्य करने के निर्देश दिए हैं। राज्य की आर्थिक स्थिति पर वित्त विभाग द्वारा बुधवार को मंत्रिमंडल के समक्ष एक प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति के बाद अजीत पवार ने प्रशासनिक विभागों को निर्देश दिए। जब राज्य का बजट पेश किया गया था, तो घाटा 9,511 करोड़ रुपये होने की उम्मीद थी और इसके 1 लाख करोड़ रुपये तक जाने की आशंका थी। कोरोना चालू वित्त वर्ष में योजना के आकार का केवल 33 प्रतिशत खर्च करने में सक्षम होगा। राज्य के खजाने पर बोझ निरंतर बढ रहा है। यह भी स्पष्ट किया गया कि इसे बढ़ाया नहीं जाएगा। जनवरी के अंत में 55 प्रतिशत राजस्व,45 प्रतिशत घाटा को कम किया गया।
जनवरी के अंत तक सरकार को 55 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ था। घाटा 45 फीसदी है। इसी तरह केंद्र से 27,000 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया है। परिणाम स्वरूप राज्य को इस वित्तीय वर्ष में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का घाटा होने की आशंका है जिसका इस साल और अगले साल विकास कार्यों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग फंड,दलित और ट्राइबल प्लानिंग फंड में कटौती नहीं की गई है। आर्थिक घाटे के बावजूद राज्य सरकार ने किसानों की ऋण माफी,प्राकृतिक आपदाओं के मुआवजे,कोरोना उपायों पर खर्च,विधायक निधि खर्च करने से नहीं कतराया। इसी तरह जिला योजना पर कोई कैंची नहीं है। दलित और आदिवासी योजनाओं के लिए पूरा प्रावधान किया जाएगा।
पट्ठा ने अपनी चुनावी डिपॉजिट तक नहीं बचा सका
भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने आज (शुक्रवार) राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की आलोचना की। पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने गोपीचंद पाडवलकर पर निशाना साधा। गोपीचंद को विनाशकारी विपरीत बुद्धि की संज्ञा दी। आप उन लोगों पर इतना ध्यान क्यों दे रहे हैं जिनकी चुनाव डिपॉजिट तक नहीं बची है? ऐसे लोगों के साथ जनता का समर्थन नहीं है। मुख्य पार्टी का टिकट लेने के बाद भी पट्ठा जमा राशि जब्त करा ली थी,और आप प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुझसे इसके बारे में सवाल पूछ रहे हैं। लोग उन्हें अस्वीकार कर चुके हैं। ऐसे शब्दों के साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने गोपीचंद की जमकर खिंचाई की। गोपीचंद ने शरद पवार के बारे में टिप्पणी की थी कि शरद पवार एक भ्रष्ट और जातीवादी नेता है। इनके हाथों से अहिल्यादेवी की प्रतिमा का अनावरण करना ठीक नहीं। अहिल्याबाई का कार्य बहुजन समाज के साथ-साथ सभी समाज के कल्याण के लिए था। इसलिए पवार को प्रतिमा और हमारी भावनाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। इसी पर एक पत्रकार के सवाल का जवाब अजित पवार अपने अंदाज में देते हुए गोपीचंद की खिंचाई की।