पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की उपस्थिति में पुणे में संत तुकाराम महाराज और ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग के संबंध में एक बैठक संपन्न हुई। बैठक के बाद अजीत पवार ने विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी की जैसे कि कोरोना टीकाकरण,सीरम आग,सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे मामले,राजनेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। अजीत पवार ने धनंजय मुंडे मामले पर बोलने के लिए विशेष समय लिया। सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एक महिला ने अपनी शिकायत वापस ले ली है। इस बारे में पूछे जाने पर अजीत पवार ने कहा कि इस मामले में धनंजय मुंडे और एनसीपी को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। मुझे पता चला कि महिला ने शिकायत वापस ले ली। इस खबर के आने के बाद सारा मीडिया उन्माद में था। विरोधी बात बनाते हैं। बहुजन समाज के नेताओं को नुकसान उठाना पड़ा। धनंजय मुंडे को बहुत तकलीफ हुई। पार्टी को भी नुकसान उठाना पड़ा। इससे पहले एनसीपी के युवाओं को बदनाम किया गया। अजीत पवार ने कहा कि राजनीतिक बदले की भावना से किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
अगर कोई व्यक्ति राजनीति,सामाजिक कार्यों में काम करना शुरू करता है तो लोगों के दिलों को जीतना उनके बीच अपनी पैठ बनाने में एक लंबा वक्त लग जाता है। जब इस तरह का आरोप लगाया जाता है तो आदमी का सारा केरियर बर्बाद हो जाता है। विरोधियों पर उंगली उठाई जाती है। महिला संगठन आंदोलन करते हैं, इस्तीफे की मांग की जाती है। जिन लोगों ने यह मांग की, उन्होंने बिना जानकारी प्राप्त किए धनंजय के बारे में बयान दिया।
धनंजय को एनसीपी ने मौका दिया उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में अच्छा काम किया। उन्हें विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से चुनाव जीता,पार्टी के अन्य उम्मीदवारों का प्रचार भी किया। उन्होंने पंकजा मुंडे जैसे कैबिनेट मंत्री को हराया। सरकार ने एक महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा। वे काम कर रहे थे। बहुजन समाज से नेता है। उसके पीछे का परिवार सचमुच पांच या छह दिनों के लिए परेशान था। मुंडे परिवार को 7-8 दिनों तक भयानक कष्ट सहना पड़ा।