पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा की महासभा में आज स्थायी समिति में एक निर्दल सदस्य की नियुक्ति का जमकर विरोध देखने को मिला। विरोधकों ने महासभा में जमकर हंगामा काटा,धक्कामुक्की और कालर पकडने की नौबत आयी। महापौर के लाख समझाने के बावजूद विरोधक सदस्य आक्रमक रहे। जनसंपर्क अधिकारी किरण गायकवाड को निर्दल सदस्य का नाम पडने से जबरन रोका गया। महापौर का मानदंड कब्जे में लेने का प्रयास किया गया। आखिरकार महापौर को उस सदस्य का नाम घोषित करके नवनिर्वाचित सदस्यों का सत्कार किए बिना महासभा को सोमवार तक के लिए स्थगित करने की घोषणा करनी पडी।
आज महासभा दोपहर 2 बजे शुरु हुई। सबसे पहले निधन हुए मान्यवरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई फिर स्थायी समिति में आठ सदस्यों के रिटायरमेंट की घोषणा के बाद उनकी जगह नए आठ सदस्यों ने नामों के लिए भाजपा,राकांपा,शिवसेना,निर्दल गुट से नामों का बंद लिफाफा मांगा गया। भाजपा की ओर से सत्तारुढ नेता नामदेव ढाके ने 8 नए सदस्यों के नामों का लिफाफा महापौर के हवाले किया। राकांपा के 2 सदस्यों के नामों का लिफाफा विरोधी नेता राजू मिसाल ने दिया। निर्दल गुट की ओर से नगरसेविका निता पाडाले ने लिफाफा पेश की।
भाजपा,राकांपा,शिवसेना के नए सदस्यों के नामों की घोषणा के बाद निर्दल सदस्य के नामों की घोषणा की बारी आयी। शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने आपत्ति उठाई और नियमों का हवाला दिया। नगरसचिव जगताप ने नियमों को पढकर सुनाया। लेकिन राहुल कलाटे का विरोध जारी रहा। महापौर निर्दल उम्मीदवार का लिफाफा को खोला उसमें निता पाडाले के नाम की सिफारिश थी। गुटनेता बारणे बीमार होने की वजह से खुद नहीं आ सके और निता पडाले को लिफाफा देकर भेजा। राहुल कलाटे के आक्रमकता को देखकर उनकी मदद के लिए निर्दलीय नगरसेवक नवनाथ जगताप,नाना काटे,राजू मिसाल समेत राकांपा के कई नगरसेवक महापौर के पास जमा हो गए। भाजपा के नगरसेवक भी ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए आकर भिड गए। नवनाथ जगताप ने भाजपा नगरसेवक शत्रुघ्न काटे का कालर पकड कर धक्कमुक्की करने लगा। कुछ समय तक महासभा जंग का आखाडा में तब्दील हो गया। नए आयुक्त राजेश पाटिल शांत होकर सबकुछ देख रहे थे। उनके लिए यह पहला अनुभव था। कुछ नगरसेवकों के मध्यस्था के बाद माहौल शांत हुआ। इसी बीच महापौर ने सदस्यों को निलंबन करने की धमकी भी दी। फिर राहुल कलाटे को जवाई(दामाद) बोलकर शांत करने की भी कोशिश की। आखिरकार महापौर ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए निता पाडाले का नाम घोषित किया।
आपको बताते चलें कि निता पाडाले विधायक लक्ष्मण जगताप के समर्थक नगरसेविका है। विधानसभा चुनाव में कालेवाडी परिसर से जगताप को पाडाले ने अच्छा खासा लीड दिलाई थी। राहुल कलाटे को उस समय यह बात नागवार गुजरी थी। दूसरा कारण यह है कि नवनाथ जगताप भी निर्दलीय नगरसेवक है और वर्तमान में विधायक लक्ष्मण जगताप के विरोधकों में से एक है। विधानसभा चुनाव में कलाटे को पिंपलेगुरव परिसर से भरपूर वोटिंग करवाए थे। नवनाथ जगताप को कलाटे स्थायी समिति में भेजना चाहते थे इसलिए वे नियम कानून का हूक लगाकर आज की नियक्ति को टालने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन बहुमत के जोर पर महापौर ने निता पाडाले को न्याय देकर लक्ष्मण जगताप की प्रतिष्ठा को धक्का लगने से बचाया।