Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर में 18 से 20 साल के युवक भी व्हाट्सऐप स्टेटस पर कोयता और तलवार जैसे घातक हथियार रखते हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए यह अभियान चलाया गया है। हम आधार कार्ड की शर्त पर भी विचार कर रहे हैं जो पुणे पुलिस ने कोयता खरीद पर लगाया है। पिंपरी-चिंचवड़ के पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे ने कहा, हालांकि, शहर को देखते हुए,पिंपरी-चिंचवड़ में यह संभव है या नहीं,इसकी समग्र समीक्षा की जानी चाहिए।
पुलिस आयुक्त शनिवार (दिनांक 4) को आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। इस समय पत्रकारों ने बताया कि पुणे में पुलिस आयुक्त ने कोयता गिरोह को नियंत्रित करने के लिए कोयता की खरीद के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या इसी तर्ज पर पिंपरी-चिंचवड़ शहर में भी इसी योजना को लागू करेंगे,चौबे ने कहा कि हथियार बनने के बाद वे एक श्रंखला तरीके के जरिए शहर में आते हैं। पुलिस इस चेन को तोड़कर जड़ तक जाने की कोशिश कर रही है।
उसके लिए हम थाना व अन्य जांच टीमों के माध्यम से अध्ययन कर रहे हैं। अगर हम हथियार सप्लायरों की जड़ पर प्रहार करें तो काफी हद तक इस अपराध पर अंकुश लगेगा। इसलिए हम हर बात पर विचार करने के बाद इस गतिविधि को लागू करने के बारे में सोचेंगे,उन्होंने इस समय यह भी स्पष्ट किया।
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस द्वारा पिछले 15 दिनों में की गई कार्रवाई सराहनीय है। लेकिन इसके दूसरे पहलू पर गौर करें तो शहर में मिले हथियारों की संख्या भी सोचने पर मजबुर कर रही है। क्योंकि 15 दिनों में पुलिस ने चाकू-तलवार जैसे 205 धारदार हथियार बरामद किए हैं। तो 48 पिस्टल जब्त की गई है। इस मौके पर पुलिस ने हाथों में डंडे लेकर व्हाट्सएप स्टेटस पर दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे वर्ग को निशाना बनाया।
16 से 20 साल की उम्र के बच्चे थे। ये हथियार उन्हें बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। यहीं से सड़क पर नागरिकों को लूटने, मामूली कारणों से लोगों को चाकू मारने या आतंक फैलाने और वाहनों में तोड़फोड़ करने जैसे अपराध शुरू हो जाते हैं। इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शहर में हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाना जरूरी है। पुलिस अब इस पर फोकस करेगी और आगे भी कार्रवाई इसी तरह जारी रहेगी।