PIMPRI पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा के आकाश चिन्ह लाइसेंस विभाग में अवैध होडिंग्स मालिकों और अधिकारियों,कर्मचारियों की मिलिभगत से करोडों रुपये का घोटाला प्रतिवर्ष होता है। आज तक यह विभाग यह आंकडा नहीं दे सका कि कितने वैध और कितने अवैध होर्डिंग्स शहर में लगे है। जिन अवैध होडिंग्स को हटाए गए उनका हजारों किलो लोहा का क्या हुआ? अगर भंगार में बेचा गया तो उसका हिसाब किताब जमा हुआ क्या? एक लाइसेंस के नाम पर कई होडिर्ंग्स शहर में लगाए जाते है। अधिकारियों के आशीर्वाद के बिना यह संभव नहीं। नुतनीकरण समय पर नहीं किए जाते। उसकी कमाई को बंदरबांट की जाती है। आखिरकार होर्डिंग्स मालिकों और पालिका के संबंधित विभाग के अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार का यह जोड कब तक मजबुत रहेगा?
विभाग के पास शहर में लाइसेंस प्राप्त और अनधिकृत होर्डिंग की अद्यतन सूची नहीं है। नवीनीकरण के आवेदनों एवं विभिन्न शिकायतों को ध्यान में रखते हुए अनुमान लगाया गया है कि पिंपरी चिंचवड़ शहर में करीब 6000 से अधिक होर्डिंग हैं। हालांकि पालिका के स्काईलाइन लाइसेंसिंग विभाग के पास केवल छह से सात सौ बिलबोर्ड प्रविष्टियां हैं। कुछ लाइसेंस धारियों ने एक ही चिन्ह दर्ज कर दूसरे पर एक चिन्ह लगाकर निगम को ठगा है। लाइसेंसधारियों के साथ इस विभाग के हित इतने मजबूत और मजेदार हैं कि अनधिकृत होर्डिंग लगाने वाले संगठनों ने अनधिकृत होर्डिंग को हटाने के लिए निविदा प्रक्रिया के माध्यम से एक ठेकेदार को काम पर रखा है। इस विभाग के भ्रष्टाचार की परिणति यह रही कि ठेकेदार को कुछ करोड़ का बिल दिया गया।
हालांकि इन पैनलों को हटाते समय ठेकेदार द्वारा पालिका के गोदाम में जो कुछ हजार टन लोहा जमा करने की उम्मीद थी,उसमें से कुछ करोड़ रुपये का लोहा गायब है। यह भी पता चला है कि ठेकेदार एक राजनीतिक दल का पदाधिकारी है। इसके बारे में अतिरिक्त जानकारी यह है कि इनमें से कुछ बिलबोर्ड केवल उनके स्वामित्व वाले लोगों द्वारा हटा दिए गए थे और विज्ञापन एजेंसी को उन अनाधिकृत होर्डिंग के लिए दंड का भुगतान करने से मुक्त कर दिया था। जुर्माना करीब 50 से 60 करोड़ रुपये रहा होगा। साथ ही इन अनाधिकृत होर्डिंग्स से कुछ हजार टन लोहा,जो पालिका के गोदाम में जमा होने की उम्मीद थी,विभाग द्वारा ठेकेदार और होर्डिंग्स के मालिक के फायदे की भेंट चढ गया है। इसका खामियाजा पालिका को उठाना पड़ रहा है। उम्मीद है कि यह विभाग वार्षिक नगरपालिका बजट में पालिका के खजाने में कुछ सौ करोड़ रुपये डालेंगे हालांकि इस विभाग का राजस्व अपेक्षित आय के बीस,तीस प्रतिशत तक नहीं जाता है। जबकि लाइसेंसधारी और स्व-इच्छुक लोग नगरपालिका के खजाने में कम और अधिकारियों की जेबें ज्यादा गरम करते है। शहर के कुछ सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक नेताओं के जन्मदिन और अन्य कार्यक्रमों के लिए कुछ बड़े होर्डिंग लगाए जाते हैं ताकि इन प्रमुख कार्यकर्ताओं को चुप कराया जा सके।