Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर के चिखली मोरेवस्ती के कराटे सीखने वाले छात्र और उनको कराटे सिखाने वाले शिक्षकों ने मिलकर एतिहासिक किला रायगढ़ और राजगढ़ की दुर्गम चढ़ाई की। चढ़ाई की मुख्य विशेषत यह रही कि सभी छात्राएं भारतीय परिधान नववारी साड़ी पहनकर चढ़ाई की। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि केवल किताबी ज्ञान के भरोसे न रहकर महाराष्ट्र के एतिहासिक किलों की महत्ता को बारिकी से देखना,समझना और अपने ज्ञान के सागरकुंड में संकलित करना।
दोनों किले काफी उंचाई और रास्ते दुर्गम से भरे है। विद्यार्थियों की उम्र छोटी होने के कारण काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ लेकिन हौसला आखिरी तक बुलंद रहा। राजगढ़ राजाओं का किला था,स्वराज्य की पहली राजधानी थी,जहां से स्वराज्य में कई किले देखे जा सकते थे। साथ ही रायगढ़ स्वराज्य की दूसरी राजधानी थी और शिवाजी महाराज उसी किले पर छत्रपति बने थे। ऐसे दिव्य राज्याभिषेक को देखकर बच्चे मंत्रमुग्ध हो गए।
टीम के सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं:-
1) अबोली शांतिनाथ जांगड़े।
2)धवल अश्विनी जांगड़े।
3) उर्वी अश्विनी जांगड़े।
4) साई अमित काटकर।
5) दीप्ति दिलीप पाटिल।
6) नेत्र योगेश धागे।
7) श्रवण दिलीप पाटिल।
8) श्वेता राजेंद्र लिमोन।
9) भक्ति कैलास दहीफले।
10) कौस्तुभ गजेंद्र तायडे।
11) कल्पेश गजानन धनोकर।
12) गुणवंत मनोज इंगले।
13) नितिन हगवाने।
इस टीम का संदेश यह है कि यह यात्रा उतनी कठिन नहीं है जितनी कि इतिहास पढ़ते समय लगती है,इस यात्रा को माता-पिता और सभी बच्चों को अपने लिए अनुभव करना चाहिए। ऐसे तमाम एतिहासिक किलों को प्रत्यक्ष रुप से दर्शन करना चाहिए और उनके बारे में जानना समझना चाहिए।