Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड़ मनपा में सोलह सौ से अधिक महिला कर्मचारी ठेके पर सफाई का काम कर रही हैं। इसके साथ ही 9 हजार से अधिक अन्य कर्मचारी ठेके पर काम करते हैं। इस ठेका प्रथा को बंद किया जाना चाहिए और कर्मचारियों को स्थायी नौकरी दी जानी चाहिए। ठेकेदारों के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। हटाए गए सभी कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखा जाए। श्रमिकों को दीवाली बोनस सहित सभी लाभ दिए जाएं। पूर्व के अंतर व स्थायी कर्मियों के अनुसार वेतन व सुविधाएं दी जाएं। पीएफ और ईएसआई का लाभ मिलें। वेतन पर्ची आवश्यक है। ऐसी मांग कष्टकरी कामगार पंचायत के अध्यक्ष बाबा कांबले ने की। साथ ही कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप इन मुद्दों को सुलझाए बिना मेहनतकशों के साथ अन्याय करेंगे तो आने वाले चुनावों में हम आपको सबक सिखाएंगे।
कर्मचारियों की छंटनी नहीं,हटे कर्मचारी फिर रखे जाएंगे-शेखर सिंह
पिंपरी चिंचवड मनपा के सफाई कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर ‘कष्टकरी कामगार पंचायत’ की ओर से नगर निगम के प्रवेश द्वार पर धरना देकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया. आंदोलन संस्था के अध्यक्ष बाबा कांबले के नेतृत्व में किया गया। आंदोलन का मार्गदर्शन करते हुए बाबा कांबले बोल रहे थे। घरकाम महिला सभा अध्यक्ष आशा कांबले, कष्टकरी कामगार पंचायत के मधुरा डांगे महासचिव, उपाध्यक्ष अनिल गाडे आदि बड़ी संख्या में महिला व पुरुष सफाईकर्मी व संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे। मनपा आयुक्त शेखर सिंह के आश्वासन के बाद आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है कि अब श्रमिकों की छंटनी नहीं होगी और जिन श्रमिकों को हटा दिया गया है उन्हें तुरंत काम पर रखा जाएगा।
8 दिनों का अल्टीमेटम,फिर तीव्र आंदोलन-बाबा कांबले
बाबा कांबले ने कहा कि पिंपरी चिंचवड़ मनपा में स्थायी कर्मियों को डेढ़ लाख से अधिक बोनस मिला है। लेकिन जिन महिला सफाईकर्मियों ने शहर को साफ रखने में योगदान दिया, शहरों में स्वच्छ सर्वेक्षण में रेटिंग प्राप्त करने के लिए चौबीसों घंटे मेहनत की, सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक काम किया, उन्हें दिवाली बोनस से वंचित रखा गया। यह श्रीमंत मनपा के लिए शर्म की बात है। बोनस देना तो दूर की बात है। उल्टे ठेकेदार ने मजदूरों को धमकियां देकर, जांच कराकर, अधिक काम करने की बात कहकर मानसिक प्रताड़ना,छंटनी काम से निकालने के प्रयास शुरू कर दिये हैं। दूसरी ओर पालिका आयुक्त व प्रशासन की मुख्य जिम्मेदारी होते हुए भी वे इस मुद्दे से आंखें मूंदे हुए हैं। बाबा कांबले ने कहा कि शिकायतों पर कार्रवाई करने के बजाय मौनी बाबा की भूमिका निभा रहे। हमने गरीब और पिछड़े वर्ग के मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आंदोलन शुरू किया है। कमिश्नर के आश्वासन के कारण आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया और बाबा कांबले ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अगले आठ दिनों में मजदूरों के खिलाफ अन्याय नहीं रुका तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे।
जनप्रतिनिधियों के घर के सामने आंदोलन
पालिका चुनाव होने वाले हैं। सफाई कर्मियों की इस समस्या को लेकर शहर के जनप्रतिनिधि उदासीन है। मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए जनप्रतिनिधियों के घर के सामने आंदोलन किया जाएगा। शहर में हजारों मेहनतकश हैं। सफाई कर्मचारी, ठेका मजदूर, रिक्शा चालक, फेरीवाले सभी मजदूरों के साथ अन्याय हो रहा है। बाबा कांबले ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे तमाशबीन की भूमिका न निभाकर समस्या के समाधान के लिए आगे आएं। नहीं तो हम बिना अन्याय बर्दाश्त किए विधायकों और सांसदों के घरों पर कूच करेंगे।
जेल में डाल दिया तो भी संघर्ष रखेंगे जारी
सफाई कर्मियों के हक की लड़ाई जमकर लड़ी जाएगी। अक्सर पालिका प्रशासन पुलिस के जरिए आंदोलन को कुचलने की कोशिश करता है। लेकिन कर्मचारियों के आंदोलन के लिए जेल भी जाना पड़े तो भी परवाह नहीं। लेकिन अधिकारों की मांगों के लिए पीछे नहीं हटेंगे। बाबा कांबले ने कहा कि वे अन्याय और अत्याचार कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सफाई कर्मचारियों की मांगें इस प्रकार हैं-
कर्मचारियों ने पालिका के समक्ष निम्न मांगें रखी हैं। इसमें कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र,परिचय पत्र देने,वेतन का भुगतान समय पर किया जाए। वेतन पर्ची प्राप्त करें। मासिक या वार्षिक बोनस का भुगतान किया जाना चाहिए। महंगाई भत्ता बढ़ाया जाए और अंतर दिया जाए। श्रमिकों को वर्दी और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। साप्ताहिक अवकाश, अवकाश दिया जाए। चिकित्सा अवकाश के साथ मनोरंजन अवकाश भी होना चाहिए। ईएसआई की राशि कम की जाए या बीमा पॉलिसी निकाली जाए। भविष्य निधि की राशि कर्मचारियों के वेतन से काटी जाए। काम के समय को घटाकर आठ घंटे ही किया जाए। अस्थायी काम के लिए न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए। स्थायी काम के लिए समान वेतन,वेतन का भुगतान सक्षम प्राधिकारी के समक्ष किया जाना चाहिए। संगठन बनाने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। वार्षिक टीडीएस कटौती पत्र प्राप्त करें। मतदान के दिन अवकाश घोषित किया जाना चाहिए जिससे लोकतंत्र मजबूत बने।