Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) सीआरपीएफ की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला की कठिनाई में वृद्धि हुई है। राज्य के बड़े नेताओं के फोन टैपिंग मामले में उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिली। पुणे पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। महाविकास अघाड़ी की सरकार के दौरान फोन टैपिंग मामले की जांच शुरू की गई थी। इस मामले में रश्मि शुक्ला को आरोपी बनाया गया था। उसके बाद शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद पुलिस ने जांच बंद करने के लिए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की।
शिंदे-फडणवीस सरकार को झटका
शिंदे-फडणवीस सरकार ने रश्मि शुक्ला की जांच बंद करने की कोशिश की थी। उन्होंने पुलिस द्वारा जांच को बंद करने के लिए एक क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। लेकिन पुणे पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए झटका बताया जा रहा है।
नाना पटोले, संजय राउत, सांसद संजय काकड़े, खडसे समेत कई दिग्गज विधायक और सांसद के फोन टेक मामले में रश्मी शुक्ला आरोपी हैं। मार्च में, कोलाबा पुलिस ने शुक्ला के खिलाफ 2019 में इन नेताओं के फोन टैप करने का मामला दर्ज किया था। जबकि राज्य खुफिया विभाग के आयुक्त डॉ.रश्मि शुक्ला पर अवैध फोन टैपिंग का आरोप है। रश्मि शुक्ला के खिलाफ टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान फोन टैपिंग मामले की जांच शुरू की गई थी।
रश्मि शुक्ला इस समय हैदराबाद में कार्यरत हैं। राज्य में मुंबई के आयुक्त के रूप में फिर से नियुक्ति की संभावना के बारे में चर्चा हुई। शिंदे-फडणवीस सरकार बनने के बाद उन्होंने फडणवीस से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी मुलाकात की थी। इसलिए उनकी चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में भी हुई थी। लेकिन अब कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और शिंदे फडणवीस सरकार को बड़ा झटका लगा है।
क्या है रश्मि शुक्ला पर आरोप ?
– रश्मि शुक्ला के खिलाफ टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
– फोन टैपिंग मामले की जांच कर रही कमेटी की सिफारिश पर केस दर्ज किया गया था।
– इसे लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाए थे।
– वहीं राज्य खुफिया विभाग के आयुक्त डॉ. रश्मि शुक्ला पर अवैध फोन टैपिंग का आरोप है।