Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ शहर से बहने वाली तीन नदी पवना,मुला और इंद्रायणी से जलपर्णी को निकालने के लिए ठेकेदार की समय सीमा समाप्त होने में भले ही छह दिन शेष रह गए हों, लेकिन जलाशयों में जलस्रोतों का हाल ’जैसे थे’ है। इसलिए साफ है कि चार करोड़ रुपये पानी में चला जाएगा।
तीन नदियाँ पवना,इंद्रायणी और मुला शहर से होकर बहती हैं। पवना नदी का तल 24 किमी,इंद्रायणी 19 किमी और मुला नदी 10 किमी है। ठेकेदारों को इन तीन नदियों से जलपर्णी को हटाने का काम दिया गया था। सांगवाडे से मोरया गोसावी बांध तक कुल 9.96 किमी और मोरया गोसावी बांध से कसारवाड़ी दत्त मंदिर (सृष्टि चौक, पिंपले-गुरव ब्रिज) तक कुल 9.67 किमी शुभम उद्योग समूह को दिए गए।
तवारे फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज को कसारवाड़ी दत्त मंदिर (सृष्टि चौक, पिंपल-गुरव ब्रिज) से पवना में बोपखेल बांध और मुला नदी बेसिन तक 9.67 किमी की दूरी के लिए सिंचाई का काम सौंपा गया है। वैष्णवी इंटरप्राइजेस वाकड ब्रिज सूर्या अस्पताल से दापोड़ी पवना-मुला संगम तक 10.30 किमी के क्षेत्र में मुला नदी तल में सिंटेल कंपनी तलवाडे में इंद्रायणी नदी से बटवाल बस्ती तक, मोशी बंधारा 10.55 किमी क्षेत्र में सैनिक इंटेलिजेंस और बटवाल द्वारा इंद्रायणी नदी में बसावट,मोशी बांध से हीरामता मंदिर, चर्होली एसटीपी परियोजना को बापदेव महाराज स्वयंरोजगार संस्था को 9.48 किमी के क्षेत्र में जलपर्णी निकालने का कार्य दिया गया है।
तीन नदियों से जलीय पौधों को हटाने के लिए चार करोड़ दस लाख 43 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। छह माह का कार्यकाल 31 मई को समाप्त होगा। समय सीमा समाप्त होने में छह दिन शेष रहने पर भी नदी बेसिन में जल स्तर ’जैसा है’ वैसा ही है। ऐसे कई स्थान हैं जहां नदी तल में पानी की पत्तियां जमा हो गई हैं। ठेकेदार द्वारा धीरे-धीरे काम किया जा रहा है। बारिश का इंतजार। बारिश के बाद नदी तल में पानी के बहाव से जलीय पौधे बह जाती हैं। नतीजतन, करोड़ों रुपये स्वाहा होता हैं। इसे स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से नजरअंदाज करता नजर आ रहा है।
ड्रोन से निरीक्षण
ड्रोन का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि नदी के तल में जलीय वनस्पति को हटाया गया है या नहीं। इसके लिए ठेकेदार नियुक्त किया गया है। उस पर सालाना तीन लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उसके जरिए हर 15 दिन में शहर की नदियों में शैवाल की मात्रा की जांच की जाती है।