Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कई ऐतिहासिक घटनाओं के गवाह रहे प्रतापगढ़ किले के आधार के पास अफजल खां की कब्र के पास से अनाधिकृत निर्माण को प्रशासन ने हटा दिया है। इस बीच पुणे के शनिवारवाड़ा इलाके में स्थित दरगाह को हटाने की मांग की गई है। इसलिए नया विवाद खड़ा हो गया है।
ब्राह्मण समुदाय ने एक बार फिर मांग की है कि प्रताप किले में जीवा महले का स्मारक बनाया जाए। इस बीच हिंदू महासंघ ने शनिवार क्षेत्र से दरगाह को हटाने की मांग की है। इस दरगाह का नाम हजरत शाह ख्वाजा सैयद शाह पीर मुकबुल हुसैन है। इस दरगाह को लेकर ब्राह्मण महासंघ आक्रामक हो गया है।
शनिवार वाडा का इतिहास प्रलेखित है। इतिहास नहीं बताता कि ऐसी कोई दरगाह पहले मौजूद थी। ऐसा दावा हिंदू फेडरेशन के आनंद दवे ने किया है। मीडिया से बात करते हुए दवे ने कहा, ऐसे किसी पीर बाबा के साल 1233 में पुणे आने का जिक्र नहीं है। शनिवार वाड़ा भूमि पूजन से लेकर वास्तु तक और हर घटना का इतिहास यहां उपलब्ध है। इस दरगाह का कहीं उल्लेख नहीं है। इसलिए इस दरगाह को बाद में बनाया गया है।
पुरातत्व विभाग से कई बार पत्राचार किया जा चुका है। क्या पुरातत्व विभाग ने अनुमति दी है? ऐसा सवाल उठाया गया है। राज्य सरकार सभी भूमिकाओं को जानती है। दवे ने यह भी बताया कि 15 दिनों के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वह कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। इसलिए, इस बात पर ध्यान दिया गया है कि पुरातत्व विभाग क्या भूमिका निभाता है।