Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) बदलती परिस्थितियों में सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। इसे ठीक करने के लिए व्यसन को रोकने के साथ-साथ जल संसाधन सुदृढ़ीकरण,वृक्षारोपण,प्राकृतिक कृषि और गाय पालन के पांच सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा, हर शहर में गौ पालन के लिए गौशालाएं जरूरी हैं। सकाल मध्यम समूह ने मंगलवार (21 तारीख) को देशी गायों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए एक विशेष अंक प्रकाशित किया। इस अवसर पर सकाल मीडिया ग्रुप के प्रबंध निदेशक अभिजीत पवार ने श्री श्री रविशंकर से बातचीत की।
तनाव मुक्त जीवन ही सुखी जीवन का आधार-श्री श्री रविशंकर ने देशी गाय,शांति,मित्रता और समृद्धि पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। पितृपक्ष के सांस्कृतिक महत्व के बारे में श्री श्री रविशंकर ने कहा आपके पास न केवल वित्तीय समृद्धि है,बल्कि मन की शांति भी है। तनाव मुक्त जीवन ही सुखी जीवन का आधार है। समृद्धि और शांति पूरक हैं। हमें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि हम अपने पूर्वजों की वजह से ही इस धरती पर हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देना है। पूर्वजों द्वारा बताए गए नियमों का पालन करने से आपको मानसिक शांति मिलेगी। हम उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। भारत के समान चीन,दक्षिण अफ्रीका,दक्षिण अमेरिका और सिंगापुर में अलग-अलग प्रथाएं हैं। अपनों को याद करने की परंपरा है।
संदेह तीन प्रकार के होते हैं-समाज में अच्छा करने वाले लोगों के बारे में संदेह पैदा किया जाता है। पवार द्वारा यह पूछे जाने पर कि स्थिति को कैसे बदला जा सकता है श्री श्री रविशंकर ने कहा संदेह तीन प्रकार के होते हैं। स्वयं पर संदेह करना, लोगों की ईमानदारी पर संदेह करना और तीसरा प्रकार ईश्वर के अस्तित्व पर संदेह करना है। चूंकि हम ईश्वर को व्यक्तिगत रूप से नहीं देखते हैं,इसलिए हमें उसके अस्तित्व पर संदेह है। जो लोग अक्सर अपने करीबी लोगों द्वारा धोखा दिए जाते हैं,वे उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाते हैं। इससे आत्म-संदेह पैदा होता है।आत्म-संदेह बंद होना चाहिए। अपने आप को आत्मविश्वास से देखें। अगर आप खुद पर विश्वास करते रहेंगे तो आपको कभी भी दूसरों पर शक नहीं होगा।
गाय की देखभाल के साथ पेड़ की देखभाल भी करनी चाहिए
यह विचार व्यक्त करते हुए कि हर शहर में गोशालाएँ होनी चाहिए,श्री श्री रविशंकर ने कहा,शहरों में कई खुले स्थानों में,कंक्रीट के जंगल बनाए जा रहे हैं,इसके बजाय गोशालाएँ खड़ी की जानी चाहिए। इससे पर्यावरण को फायदा होगा। गोसंगोपाना के साथ-साथ नगर में नक्षत्र वन भी स्थापित किए जाएं। तुलसी,नींबू,आंवला और दाना जैसे उपयोगी पेड़ लगाने का समय आ गया है।