Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महानगर क्षेत्र (पीएमआर) अहम बदलाव की तैयारी कर रहा है। अगले 20 वर्षों के लिए पुणे शहर और इसके परिवेश के लिए 73,000 करोड़ रुपये की विकास योजना तैयार की गई है और इसे मंजूरी का इंतजार है। यदि इस विकास योजना को मंजूरी दी जाती है और लागू किया जाता है, तो इसका नागरिकों के जीवन स्तर और रोजगार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएमआरडीए) ने विकास योजना की घोषणा की है। पीएमआरडीए के अधिकारियों ने दावा किया कि विकास योजना के अनुसार पुणे रहने के लिए सबसे उपयुक्त शहर हो सकता है और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए देश का शीर्ष शहर हो सकता है।
मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर और पीएमआरडीए के सीईओ सुहास दिवासे ने कहा इस विकास योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हुए स्थिरता और सतत विकास को बढ़ाना है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में शहर के अजीब विकास का मुद्दा भी उठाया। इस नई विकास योजना में पांच लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इनमें आसान परिवहन,विचारशील आर्थिक और रोजगार वृद्धि,लचीला वातावरण,कुशल बुनियादी ढांचा और आत्मनिर्भर आवास और सुविधाएं शामिल होंगी। दिवासे के अनुसार पीएमआरडी क्षेत्र अब देश का तीसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र होगा जिसका क्षेत्रफल 6,914.26 वर्ग किमी होगा। पीएमआरडी क्षेत्र की जनसंख्या 2041 तक 53.70 लाख होगी। पुणे मनपा (पीएमसी) और पिंपरी-चिंचवड़ मनपा (पीसीएमसी) का पूरक होगा। इसमें दोनों पालिका के 5 से 10 किमी के दायरे में और क्षेत्रीय परिवहन कॉरिडोर के 5 किमी के भीतर शहर को संयुक्त रूप से विकसित करने का भी प्रस्ताव है।
एक दूसरे से जुड़ेंगे 18 नागरिक केंद्र
इसमें 18 केंद्रीकृत शहरी क्षेत्रों को व्यापक कनेक्शन द्वारा एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। इनमें चाकण,आलंदी,वाघोली,लोनी-कालभोर,खडकवासला,पिरंगुट,हिंजेवाड़ी,तलेगांव,मलवाली,खेड-राजगुरुनगर,शिकारापुर,उरुली-कंचन,सासवड़,खेड़,नरसापुर,रंजनगांव,यवत केडगांव आदि,ऐसे 233 गांव शामिल हैं। ग्रामीण विकास केंद्रों में पाबल,न्हावा,राहु,किकवी,संगरून,पौड,काले और कदुस शामिल होंगे।
चौड़ी सड़कों और मेट्रो के लिए 26 योजनाएं
इस विकास योजना में 26 शहरी विकास योजनाएं शामिल हैं। इनमें 10 मेट्रो लाइनें,दो रिंग रोड (123 किमी और 173 किमी),59 सार्वजनिक आवास परियोजनाएं,152.19 किमी पुणे-नासिक सेमी हाई स्पीड रेलवे, 89.65 किमी क्रिसेंट रेलवे,12 लॉजिस्टिक्स हब और 9 ट्रक टर्मिनल शामिल हैं। पीएमआरडीए ने इस विकास योजना को बनाने के लिए जीआईएस आधारित तकनीक का इस्तेमाल किया है।
ये हैं विकास योजना के सामने चुनौतियां
विकास योजना पर आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि 16 सितंबर थी। मसौदा अब अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया है। लेकिन अब इस योजना में चुनौती होगी भूमि अधिग्रहण,जमीन पर आरक्षण,जमीन की जोनिंग।