Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) यह चौंकाने वाली बात सामने आयी है कि रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद भी 200 सरकारी कर्मचारियों को अभी तक निलंबित नहीं किया गया है। रिश्वत लेते पकड़े गए सरकारी कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक नागपुर और नांदेड़ विभाग में है,जबकि सबसे कम पुणे विभाग में है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या संबंधित विभाग इन रिश्वत लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा?
रिश्वत लेते पकडे गए 582
राज्य में घूसखोरी निवारण विभाग की आठ इकाइयाँ हैं। इस इकाई के माध्यम से अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों में रिश्वत लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इस साल अब तक राज्य में 410 जाल बिछाए गए हैं और 582 रिश्वत लेने वालों को गिरफ्तार किया गया है। रिश्वतखोरी के मामले में रिश्वत रोकथाम विभाग संबंधित विभाग को सूचित करता है और कार्रवाई करने के लिए कहता है। व्यक्ति से भी पूछताछ की जा रही है।
204 सरकारी कर्मचारियों का निलंबन कब?
यदि रिश्वत लेने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो उसे संबंधित विभाग द्वारा निलंबित कर दिया जाता है। सजा के मामले में सजा भी मिलती है। प्रदेश में रिश्वत लेते पकड़े गए 204 सरकारी कर्मचारियोेंं को अभी तक निलंबित नहीं किया गया है। इसमें क्लास-3 में सबसे ज्यादा 99 सरकारी कर्मचारी हैं। तब से,63 अन्य लोक सेवक,क्लास-2 में 17 और क्ला-एक में 19 अभी भी काम पर हैं।
रिश्वत लेते पकडे गए,निलंबन नहीं
राज्य में रिश्वत लेते पकड़े गए लेकिन अभी तक निलंबित नहीं किए गए लोगों में ग्रामीण विकास विभाग से 49,शिक्षा और खेल विभाग से 44,राजस्व विभाग से 20,गृह विभाग से 17,सहकारिता और विपणन विभाग से 15 और हैं। नगर विकास विभाग से 13 हैं। रिश्वत रोकथाम इकाई के अनुसार,नागपुर इकाई में सबसे अधिक 55 भ्रष्ट लोक सेवक हैं,इसके बाद नांदेड़ 46,ठाणे 27,मुंबई 17,औरंगाबाद 19,पुणे 12,नासिक 2 और अमरावती 26 हैं।
29 दोषियों का बुरा नहीं है
यह पाया गया है कि रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए 29 सरकारी कर्मचारियों को अभी तक संबंधित खातों से मुक्त नहीं किया गया है। 23 क्लास-तीन,3 क्लास-दो और 2 क्लास-चार के कर्मचारी हैं।