पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बादल फटे हैं। पहाडी इलाकों की बस्तियां पानी में जलमग्न हो गई है। भोलेबाबा के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक भीमाशंकर मंदिर में पानी घुसने के समाचार है। मुख्य लिंगगृह में पानी घुसने से भक्तों को मंदिर में प्रवेश पर नो एन्ट्री लगा दी गई है। रत्नागिरी के रायगढ़ में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और पूरा इलाका पानी में डूब गया है। भारी बारिश के कारण मराठवाड़ा,परभणी और अन्य इलाकों में भी पानी भर गया है। पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा और कोल्हापुर इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही है।
पानी से घिरा भीमाशंकर मंदिर
पुणे,जुन्नर और खेड़ में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश हो रही है। भीमाशंकर इलाके में भी पिछले कई घंटों से भारी बारिश हुई। भीमाशंकर इलाके में कल और आज भारी बारिश के कारण मंदिर की तरफ से काफी बाढ़ आ गई है। इसलिए मुख्य मंदिर में पानी देखा जा सकता है।
मंदिर में भक्तों की नो एंट्री
जैसे-जैसे मंदिर का जीर्णोद्धार का काम चल रहा है,देखा जा सकता है कि बाढ़ के पानी का बहाव अचानक बदल गया और वही पानी मंदिर में आ गया। फिलहाल कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए नो इंट्री है। मंदिर में केवल पुजारी होते हैं। मंदिर में प्रतिदिन पूजा शुरू होती है। लेकिन अब जब जलस्तर बढ़ गया है तो प्रशासन ने पुजारियों और मंदिर के कर्मचारियों को उचित निर्देश दिए हैं।
पानी के भारी रिसाव के कारण सिलाई पुल और बाबा भिडे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। आज सुबह फिर जलस्तर कम हुआ। वर्तमान में खड़कवासला बांध 9339 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ रहा है। खड़कवासला बांध क्षेत्र में अभी भी भारी बारिश हो रही है खड़कवासला बांध से पानी का बहाव बढ़ जाने के कारण गुरुवार की रात डेक्कन में बाबा भिडे पुल जलमग्न हो गया। रात में 25 हजार क्यूसेक की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा था। पानी के भारी रिसाव के कारण सिलाई पुल और बाबा भिडे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था।
आज सुबह फिर जलस्तर कम हुआ।