Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री और राकांपा नेता एकनाथ खडसे ने भाजपा के इस्तेमाल और फेंकने की नीति की आलोचना की है। आज लालकृष्ण आडवाणी की हालत क्या है,कहां है? ऐसा सवाल खड़ा करते हुए खडसे ने बीजेपी पर वोट के लिए ओबीसी नेताओं का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। स्व.गोपीनाथ मुंडे समेत कई नेताओं ने ओबीसी के लिए इंसाफ की मांग की। खडसे ने कहा है कि उन्होंने ओबीसी के लिए 40 साल तक लड़ाई लड़ी लेकिन बीजेपी की नीति इसका इस्तेमाल कर फेंकने की रही। वह गुरुवार को पिंपरी-चिंचवड़ में एक निजी समारोह में बोल रहे थे।
मैं मुख्यमंत्री पद तक पहुंच रहा हूं यह देखकर कुछ लोगों को जलन होने लगी,और कई आरोप लगाकर बदनाम किया गया। पार्टी से दरकिनार किया गया। खड़से ने सीधे फडणवीस का उल्लेख किए बिना कहा। खानदेश अपने राजनीतिक जीवन के पिछले 70 वर्षों में मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। खानदेश के लोग सोचते हैं कि मराठवाड़ा के दो या तीन मुख्यमंत्री कोंकण,पश्चिमी महाराष्ट्र और मुंबई के मुख्यमंत्री बने। लेकिन खानदेश का नहीं। यदि कोई अन्य व्यक्ति आता है,तो उसे होने नहीं दिया जाता है।
इस्तेमाल करो और फेंक दो भाजपा की नीति है। लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिए। लेकिन आज वे कहाँ हैं? खड़से ने पूछा। उन्होंने आगे कहा दिवंगत गोपीनाथ मुंडे और एकनाथ खडसे समेत कई नेताओं ने ओबीसी के लिए न्याय की मांग की। ओबीसी के लिए 40 साल तक संघर्ष किया। हालांकि बीजेपी ने वोट के लिए ओबीसी नेताओं का इस्तेमाल किया। आज वे नेता कहाँ हैं? ऐसे कई कारणों से मुझे पार्टी छोड़कर राकांपा में शामिल होना पड़ा।
पिंपरी-चिंचवड़ नगर पालिका में भ्रष्टाचार किसके आशीर्वाद से?
पिंपरी पालिका की स्थायी समिति के अध्यक्ष रिश्वत लेते पकडे गए,जेल गए, वरिष्ठों के आशीर्वाद के बिना साहस नहीं होगा। भाजपा का पूर्व डिप्टी मेयर ने फिरौती ली थी। गिरफ्तार होकर सलाखों के पीछे हैं। कई अभी भी जेल जाना चाहते हैं। हमारी सरकार आने दो! फिर देखें कि वे एक-एक करके कैसे अंदर जाते हैं, खड़से ने चेतावनी दी। देवेंद्र फडणवीस को विधानसभा में पिंपरी पालिका में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना चाहिए। पूछताछ के लिए अपने आदमी से मत पूछो। लेकिन वे दूसरों पर उंगली उठाते हैं। यह सही नहीं है। अगर हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहते हैं,तो हमें जांच की मांग करनी चाहिए और जो हुआ है उसके खिलाफ एक कारण की मांग करनी चाहिए,चाहे वह हमारा हो या दूसरे दल का व्यक्ति हो।