Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) भूमि लेन देन में धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब भूस्वामियों को विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान (यूनिक नंबर) दी जाएगी। एक क्लिक पर जमीन के मालिक और क्षेत्र से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए प्रायोगिक आधार पर राज्य में पुणे जिले का चयन किया गया है और इस परियोजना का परीक्षण अप्रैल माह में किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए घोषणा की कि इस तरह की परियोजना को देश में लागू किया जाएगा। तदनुसार राज्य में इस तरह की एक परियोजना को लागू करने के लिए पुणे जिले का चयन किया गया है।
यूएलपीआईएन नंबर 14 अंकों का होगा
इस प्रोजेक्ट का प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया गया है। परियोजना के तहत नागरिकों जैसी भूमि को 14 अंकों का यूएलपीआईएन नंबर दिया जाएगा। इसलिए चूंकि प्रत्येक भूमि को अलग से पंजीकृत किया जाएगा,इसलिए धोखाधड़ी के प्रकारों पर स्थायी रूप से अंकुश लगाया जाएगा। इस परियोजना के तहत अब नागरिकों को दी गई आधार संख्या के अनुसार भूमि को यूएलपीआईएन नंबर दिया जाएगा।
अप्रैल महिने से शुभारंभ
इस संबंध में जमाबंदी आयुक्त एन.के. सुधांशु ने कहा कि यह परियोजना राज्य के पुणे जिले में पायलट आधार पर लागू की जाएगी। अप्रैल में इसका परीक्षण किया जाएगा। हर जमीन को यूएलपीआईएन नंबर देने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए राजस्व विभाग और बैंकों से जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद टेस्ट लिया जाएगा। परियोजना के अनुसार भूमि को अक्षांश और देशांतर सूचकांक के साथ चिह्नित किया गया है और यूएलपीआईएन नंबर दिया गया है। युनिक नंबर में संबंधित भूमि के आकार और स्वामित्व के बारे में विस्तृत जानकारी होगी। अत: भूमि क्रय-विक्रय की प्रक्रिया में धोखाधड़ी के रूपों पर स्थायी रूप से अंकुश लगेगा।
इस बीच परियोजना को महाराष्ट्र सहित 11 राज्यों के चुनिंदा जिलों में प्रायोगिक तौर पर चलाया जा रहा है। इनमें हरियाणा,बिहार,ओडिशा,झारखंड,आंध्र प्रदेश,गुजरात,सिक्किम,गोवा,मध्य प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं। राज्य के पुणे जिले में काम शुरू कर दिया गया है,इसकी जानकारी जमाबंदी आयुक्तालय ने दी।
युनिक नंबर से ठगी में ब्रेक
वर्तमान में जमीन खरीदने-बेचने के दौरान नागरिकों से ठगी के मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एक ही जमीन कई लोगों को बेची जा रही है। बिना मालिक के जमीन बेचना जैसे प्रकार हो रहे हैं। इस परियोजना के तहत भूमि की कोई भी खरीद या बिक्री करने से पहले युनिक नंबर से भूमि संबंधी जानकारी का सत्यापन किया जाएगा। इसलिए जमाबंदी कमिश्नरी द्वारा स्पष्ट किया गया कि धोखाधड़ी से बचा जाएगा।