Pune पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जिले से शिवसेना को महाविकास अघाड़ी के नाम से खत्म करने की साजिश चल रही है। सरकार का कोई विरोध नहीं। हालांकि गांवों में शिवसैनिकों के साथ अन्याय हो रहा है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवाजीराव आढवराव ने दुख व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री को सब कुछ नहीं बताया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री और पुणे के संरक्षक मंत्री अजीत पवार पर निशाना था। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर पवार का नाम नहीं लिया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में शिरूर लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना पदाधिकारियों की बैठक चाकण में संपर्क प्रमुख सचिन अहीर की मौजूदगी में हुई। इस अवसर पर बोलते हुए आढवराव ने शिवसेना के वर्तमान घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए समय-समय पर स्थानीय स्तर पर पार्टी नेतृत्व की लापरवाही और एनसीपी द्वारा शिवसेना के खिलाफ चलाई जा रही भीतरघात रणनीति को उजागर कर रहे थे।
आढवराव ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद से पुणे जिले में शिवसेना को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और खेड़ निर्वाचन क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस तहसील में शिवसेना के पतन का कारण राकांपा है। शिवसेना विधायक ने खेड़ पंचायत समिति के प्रशासनिक भवन के निर्माण को मंजूरी दी। जिसका उद्घाटन का श्रेय राष्ट्रवादी के नेताओं ने लूटा। विश्वासघात का विरोध करने के लिए कोई आगे नहीं आया। किसी ने पार्टी की ओर से एक साधारण पत्र तक नहीं लिखा। पार्टी ने गंदी राजनीति का अनुभव किया। चाहे कुछ भी हो जाए,शिवसेना को एकजुट रहना चाहिए। घिनौनी नीति का पालन नहीं करना चाहिए। राकांपा विधायक दिलीप मोहिते राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में मतदान से दूर रहे। आढवराव ने बताया कि वह मुख्यमंत्री से खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
संरक्षक मंत्री अजीत पवार ने हाल ही में 150 से 200 कार्यों के लिए सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किए। इतना ही नहीं, पुणे जिला योजना समिति की 178 करोड़ रुपये की राशि उनके करीबी लोगों को एकतरफा वितरित की गई। पुणे जिले में सभी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव निकट हैं। इन सभी जगहों पर वार्डों के गठन से राकांपा को फायदा होगा। इस बारे में कुछ भी कहने की कोशिश की, लेकिन नहीं सुना। इन सभी बातों पर विचार किया जाना चाहिए।
बगावत के बाद मजबूत हुई शिवसेना
शिवसेना के इतिहास में कभी भी ऐसी अजीब स्थिति पैदा नहीं हुई। शिवसेना के लिए बगावत और विश्वासघात कोई नई बात नहीं है। कई मुश्किलों का सामना करते हुए शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना का सफर जारी रखा। जब भी बगावत होती है तो शिवसेना मजबूत हो जाती है, यह इतिहास है। शिवसैनिकों में गुस्से की लहर है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। पार्टी पर संकट जल्द ही खत्म हो जाएगा। शिरूर विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना पूरी तरह से उद्धव ठाकरे के साथ खड़ी है,ऐसा शिवाजीराव आढवराव ने आश्वासन दिया।